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अब सिर्फ डेढ़ दिन में पहुंच सकेंगे मंगल पर

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ऐसे इंजन के निर्माण को आर्थिक सहायता दे रहा है जिसके जरिये मनुष्य डेढ़ दिन में (39 घंटे) मंगल ग्रह पर पहुंच सकता है। नासा ने इसके निर्माण में जुटी टेक्सास की एक कंपनी को एक करोड़ डॉलर (61.92 करोड़) का अनुदान दिया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2015 07:24 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2015 07:42 PM (IST)

वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ऐसे इंजन के निर्माण को आर्थिक सहायता दे रहा है जिसके जरिये मनुष्य डेढ़ दिन में (39 घंटे) मंगल ग्रह पर पहुंच सकता है। नासा ने इसके निर्माण में जुटी टेक्सास की एक कंपनी को एक करोड़ डॉलर (61.92 करोड़) का अनुदान दिया है।

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वेबस्टर की एड एस्ट्रा रॉकेट कंपनी प्लाज्मा की मदद से एक ऐसा इंजन बनाने में जुटी है जिसमें ईधन के तौर इलेक्टि्रकली चार्ज गैस का इस्तेमाल किया जा सकेगा। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फ्रैंकलिन चांग डियाज ने कहा, 'यह एक ऐसा रॉकेट है जिसे आपने पहले नहीं देखा होगा।

यह एक प्लाज्मा रॉकेट है। द वैरिएबल स्पेसिफिक इंपल्स मैग्नेटोप्लाज्मा रॉकेट (वसिम्र) का इस्तेमाल वस्तुओं को अंतरिक्ष में भेजने में नहीं किया जाता है। इसका प्रयोग उनके लिए होता है जो वहां पहले से मौजूद हैं। इसे हम 'इन स्पेस प्रोपल्सन' कह सकते हैं।'

रेडियो तरंगों के जरिये प्लाज्मा को अत्यधिक तापमान तक गर्म करने पर वसिम्र इंजन काम करता है। इससे इंजन अत्यधिक तीव्र गति से चलता है। इस परियोजना को तीन वर्षो में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।


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