सीमा विवाद भारत-चीन संबंधों में बड़ी बाधा
दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने की आवश्यकता जताई थी। दोनों देश बीती अप्रैल में सीमा विवाद पर बैठक कर चुके हैं।
बीजिंग, पीटीआई : एनएसजी मुद्दे पर पैदा हुई रिश्तों की कड़वाहट का दायरा बढ़ाते हुए चीन ने कहा है कि भारत के साथ उसके संबंधों में सीमा विवाद बड़ी चुनौती है। यह विवाद हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विकास में बड़ी बाधा है। चीन के विदेशी मामलों के सहायक मंत्री ली हुईलाइ ने यह बात कही है।
ली ने कहा, दोनों देशों के संबंध इस विवाद से प्रभावित न हों, इसके लिए बातचीत और लगातार संचार संवाद की व्यवस्था बनाई गई है। इन तरीकों से विवाद का उचित, मैत्रीपूर्ण और दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान निकाला जा सके। बीते वर्षो में दोनों देशों ने अपने संबंधों को लगातार विकसित किया है।
दोनों देशों के नेताओं ने दौरे करके इन संबंधों को प्रगाढ़ किया है। संबंधों को मजबूत बनाने के लिए एक सहमति तैयार की है। मंत्री ने दोनों तरफ के संबंधों में आए ताजा तनाव की वजह का उल्लेख नहीं किया। ताजा तनाव की वजह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के भारत के प्रयास में लगाया गया चीनी अड़ंगा है।
पिछले हफ्ते चीन के दौरे पर गए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सीमा विवाद को मामूली करार देते हुए दोनों देशों के संबंधों में इससे फर्क न पड़ने की बात कही थी। उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने की आवश्यकता जताई थी। दोनों देश बीती अप्रैल में सीमा विवाद पर बैठक कर चुके हैं।
चीन का दावा है कि करीब दो हजार किलोमीटर लंबी सीमा पर विवाद की स्थिति है, जिसमें से ज्यादातर इलाका अरुणाचल प्रदेश का है। वह इसे दक्षिण तिब्बत का इलाका कहता है। जबकि भारत अक्साई चिन इलाके को अपना बताता है जिस पर 1962 के युद्ध में चीन ने कब्जा कर लिया था।
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