विवादित द्वीपों के ऊपर वायु रक्षा क्षेत्र बनाना खतरनाक
पूर्वी चीन सागर के विवादित द्वीपों के ऊपर वायु रक्षा क्षेत्र बनाने की चीन की घोषणा को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने खतरनाक कदम बताया है। वहीं दक्षिण कोरिया ने भी चीन के इस कदम की आलोचना की है। चीन में इन द्वीपों को दियाओउ और जापान में सेनकाकू कहा जाता है।
टोक्यो। पूर्वी चीन सागर के विवादित द्वीपों के ऊपर वायु रक्षा क्षेत्र बनाने की चीन की घोषणा को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने खतरनाक कदम बताया है। वहीं दक्षिण कोरिया ने भी चीन के इस कदम की आलोचना की है। चीन में इन द्वीपों को दियाओउ और जापान में सेनकाकू कहा जाता है।
अमेरिका ने पहले ही कहा था कि इन द्वीपों को लेकर यदि सैन्य संघर्ष होता है तो वह जापान का समर्थन करेगा। इसी के बाद जापानी प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी की है। दूसरी ओर चीन ने वायु सुरक्षा क्षेत्र बनाए जाने को लेकर जापान और अमेरिका की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। चीन ने इसके लिए खुद की आलोचना किए जाने को लेकर अमेरिका से विरोध भी जताया है।
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रिपोर्टो के मुताबिक एबी ने जापानी संसद में कहा, 'चीन का यह कदम बहुत खतरनाक है क्योंकि इसके अवांछित परिणाम हो सकते हैं। इसे लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। जापान चीन से कहेगा कि वह संयम बरते। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग कर रहे हैं।' अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने चीन की घोषणा पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे अनहोनी की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि चीन की यह एकपक्षीय कार्रवाई पूर्वी चीन सागर में वर्तमान स्थिति में बदलाव का प्रयास है। दूसरी ओर दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता किम मिन-सियोक ने भी चीन की इस घोषणा को अफसोसजनक बताया है। चीन ने जो वायु रक्षा क्षेत्र बनाए जाने की घोषणा की है उसका कुछ हिस्सा दक्षिण कोरिया के वायु रक्षा क्षेत्र में आता है।
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