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पाकिस्तान ने माना कुलभूषण जाधव के खिलाफ अपर्याप्त सुबूत

क्रासर :सरताज अजीज ने पाकिस्तानी संसद में कहा, पाकिस्तानी एजेंसियों और सरकार के पास उनके खिलाफ नाकाफी सुबूत-भारतीय पूर्व नौसैनिक अफसर को भारत वापस लाने की सरकार की कोशिशों को बल-

By Mohit TanwarEdited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 12:46 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 01:50 AM (IST)
पाकिस्तान ने माना कुलभूषण जाधव के खिलाफ अपर्याप्त सुबूत

इस्लामाबाद, प्रेट्र । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने स्वीकारा कि पाकिस्तान में बंदी और भारतीय जासूस होने के आरोपी कुलभूषण जाधव के खिलाफ उनकी सरकार के पास अपर्याप्त सुबूत हैं। अजीज ने पाकिस्तानी संसद भवन में बुधवार को सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को देने के लिए जाधव के बारे में पाकिस्तानी एजेंसियों और सरकार के तैयार डोजियर में कुछ भी नहीं है।

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उन्होंने साफ कहा, 'जाधव ने सिर्फ बयान दिया है लेकिन उसके खिलाफ हमारे पास कोई पुख्ता सुबूत नहीं हैं।' उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के रहने वाले कुलभूषण जाधव ईरान के बंदरगाह चाबहार में अपनी निजी व्यापारिक नौका से कारोबार करते थे। भारत ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तानी सेना ने कुलभूषण को ईरान से ही अपहृत कर बंदी बनाया था। पाकिस्तान की यह स्वीकारोक्ति इस लिहाज से भी अहम है कि कुलभूषण को भारत वापस लाने के लिए भारत अब तक छह प्रयास कर चुका है। लेकिन जवाब में हमेशा पाकिस्तान ने इन्कार ही किया है। यहां तक कि पाकिस्तान में तैनात रहे जर्मनी के एक पूर्व राजदूत ने भी कहा था कि कुलभूषण जाधव को बंधक बनाकर पाकिस्तान लाया गया था।


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पाक ने जारी किया था कुबूलनामे का वीडियो

पाकिस्तान सेना ने मार्च के आखिर में जाधव के कथित कुबूलनामे का वीडियो भी जारी किया था। इसमें उसने माना था कि वह बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों में शामिल था।

क्या थे पाकिस्तान के दावे

पाकिस्तानी सेना ने कहा था, 'कुलभूषण जाधव ने कुबूल किया कि वह रॉ के लिए बलूचिस्तान में काम कर रहा था।'-जाधव, भारतीय नौसेना का सर्विंग अफसर है। उसे सीधे रॉ चीफ हैंडल करते हैं। वो एनएसए के भी टच में है। आपके जासूस ने वो कोड भी बताया है, जिससे वह रॉ से कॉन्टैक्ट करता था। जाधव अब भी भारतीय नौसेना का अफसर है। वह 2022 में रिटायर होने वाला है।

भारत ने खारिज किए थे आरोप-भारत ने कहा था, 'वीडियो में यह शख्स (जाधव) जो बातें कह रहा है, उनमें कोई सच्चाई नहीं है। उसने जो भी कहा है, प्रेशर में कहा है।-हालांकि भारत सरकार ने माना था कि जाधव भारतीय नागरिक ही हैं और नौसेना में अफसर रह चुके हैं।-विदेश मंत्रालय ने कहा था, 'जाधव कानूनी तौर पर ईरान में व्यापार करता था। उसे हिरासत में प्रताडि़त किया गया। पाकिस्तान में उसकी मौजूदगी सवाल खड़े करती है। इससे ये शक पैदा होता है कि कहीं उसे ईरान से किडनैप तो नहीं किया गया?'-भारत ने दूतावास के अफसरों की जाधव से मुलाकात कराने की इजाजत मांगी थी। पाकिस्तान ने भारत की मांग को ठुकरा दिया था।

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वीडियो में जाधव ने क्या कहा था?-जाधव के मुताबिक, वे दिसंबर 2001 तक भारतीय नौसेना में रहे। संसद पर हमले के बाद डोमेस्टिक इंटेलिजेंस जुटाई। 2003 में भारतीय इंटेलिजेंस सर्विस ज्वाइन की।

- अफसर यह भी कहता है कि वह ईरान से बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे।

-जाधव के बयान के मुताबिक, वे 2013 में रॉ में आए। ईरान के चाबहार इलाके में 10 साल पहले रॉ का बेस बनाया। कराची और बलूचिस्तान का दौरा किया।

-अफसर ने बताया कि उसे नौसेना से 2022 में रिटायर होना है।

ठाणे से जारी हुआ है पासपोर्ट

--जाधव का एक पासपोर्ट 2014 में मुंबई के ठाणे से जारी हुआ था। इसका नंबर 9630722 है। इस पर जसदनवाला कॉम्पलेक्स ओल्ड मुंबई-पुणे रोड का पता दर्ज है।


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