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मिस्र में भारतीय संविधान का पहला अरबी अनुवाद

भारतीय संविधान के मसौदे और लोकतांत्रिक संस्थाएं बनाए रखने में इसके योगदान की सराहना के बीच मिस्न में इसका पहला अरबी अनुवाद जारी किया गया। यह आयोजन भारतीय दूतावास और लीग ऑफ अरब स्टेट्स ने लीग के सचिवालय में किया।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Wed, 10 Dec 2014 08:51 AM (IST)Updated: Wed, 10 Dec 2014 09:12 AM (IST)

काइरो। भारतीय संविधान के मसौदे और लोकतांत्रिक संस्थाएं बनाए रखने में इसके योगदान की सराहना के बीच मिस्र में इसका पहला अरबी अनुवाद जारी किया गया। यह आयोजन भारतीय दूतावास और लीग ऑफ अरब स्टेट्स ने लीग के सचिवालय में किया।

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लीग के महासचिव नाबिल अल अरबी ने विदेश मंत्रालय के सचिव अनिल वाधवा के साथ मिलकर भारतीय संविधान का अनुवाद जारी किया।

अरबी ने ऐसा संविधान बनाने के लिए भारत के संविधान निर्माताओं की सराहना की, जो समाज के सभी वर्गो की आकांक्षाएं पूरा करता है।

उन्होंने कहा, यह भाषाई, धार्मिक व जातीय विविधताएं चित्रित करता है। मिस्र में भारत के राजदूत नवदीप सूरी ने इस कदम को मील का पत्थर बताया। इस मौके पर मौजूद राजनयिकों, विद्वतजन ने संविधान के महत्व की सराहना की।

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