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मोदी-चिनफिंग के बीच बनी सहमति, डोकलाम जैसी स्थिति अब और नहीं

डोकलाम विवाद को लेकर पूरी दुनिया की नजर दोनों नेताओं की बातचीत पर टिकी थी, इसको देखते हुए उनके बीच सबसे अहम मुद्दा सीमा पर शांति से जुड़ा रहा।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Tue, 05 Sep 2017 02:48 PM (IST)Updated: Tue, 05 Sep 2017 03:00 PM (IST)
मोदी-चिनफिंग के बीच बनी सहमति, डोकलाम जैसी स्थिति अब और नहीं

जियामेन, आइएएनएस। हाल ही में एक सीमा विवाद के कारण भारत और चीन के बीच लंबे समय तक गतिरोध जारी रहा था। इसकी वजह से ब्रिक्‍स सम्‍मेलन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का चीन जाना भी संदेह के घेरे में आ गया था। मगर इस सम्‍मेलन से ठीक पहले दोनों देशों ने समझदारी भरा फैसला लेते हुए डोकलाम विवाद सुलझा लिया और जियामेन शहर में आयोजित ब्रिक्‍स सम्‍मेलन में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच एक स्‍वस्‍थ और बेहद सकारात्‍मक माहौल में बातचीत संपन्‍न हुई।

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पीएम मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। मगर जैसा कि डोकलाम विवाद को लेकर पूरी दुनिया की नजर दोनों नेताओं की बातचीत पर टिकी थी, इसको देखते हुए उनके बीच सबसे अहम मुद्दा सीमा पर शांति से जुड़ा रहा। मोदी और चिनफिंग दोनों ने सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई, क्‍योंकि यह उनके द्विपक्षीय संबंधों को और भी मजबूत करने के लिहाज से बेहद जरूरी है।

ब्रिक्‍स सम्‍मेलन के आखिरी दिन दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बारे में भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने बताया कि एक घंटे से ज्‍यादा देर तक बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच इस पर सहमति बनी कि आगे से डोकलाम जैसी स्थिति पैदा ना हो। चर्चा बेहद सकारात्‍मक रही। विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने पर सहमति बनी। कहा गया कि मतभेदों को विवाद नहीं बनने दिया जाएगा। वहीं ब्रिक्‍स को और प्रासंगिक बनाने को लेकर भी बातचीत हुई।

आपको बता दें कि डोकलाम विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच ढाई महीने से ज्‍यादा समय तक गतिरोध्‍ा जारी रहा था। इसकी शुरुआत तब हुई जब चीन ने सिक्किम में भारतीय जवानों पर सीमा पार करने और डोकलाम में उनके एक सड़क निर्माण के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया। वहीं भारत का कहना था कि चीन भूटान के क्षेत्र में सड़क का निर्माण कर रहा है, इसलिए वो इसके विरोध में है। भूटान भी चीन के विरोध में सामने आ गया। इस बीच, चीन की तरफ से सैन्‍य कार्रवाई तक की धमकी भी दी गई। मीडिया ने भारत पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। मगर भारत विचलित नहीं हुआ और आखिर में ब्रिक्‍स सम्‍मेलन से ठीक पहले दोनों देशों ने विवाद खत्‍म करने का फैसला किया। इसे भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत बताया गया।

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