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16 मिनट के भाषण में आेबामा की नीतियों को गलत बताते चले गए ट्रंप

डोनाल्‍ड ट्रंप ने आज शपथ लेने के बाद 16 मिनट का दमदार भाष्‍ाण दिया। इस भाषण में उन्‍होंने ओबामा का नाम लिए बिना उनकी नीतियों की कड़ी आलोचना की।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 12:55 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 03:29 PM (IST)
16 मिनट के भाषण में आेबामा की नीतियों को गलत बताते चले गए ट्रंप
16 मिनट के भाषण में आेबामा की नीतियों को गलत बताते चले गए ट्रंप

वाशिंगटन (रॉयटर)। डोनाल्ड ट्रंप ने देश के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर दिए अपने भाषण में यह साफ कर दिया है कि जैसा अब तक चलता आया है, अब नहीं चलेगा। ट्रंप ने साफ कर दिया कि वह अपनी तरह से शासन चलाएंगे फिर चाहे रिपब्लिकन पार्टी उनका सपोर्ट करे या न करे। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद यूएस कैपिटोल’ से दिए अपने पहले संबोधन में ट्रंप ने देशवासियों से वादा किया कि देश का फिर से ऐसा निर्माण किया जाएगा कि वह वापस सपने संजो सकेंं। ट्रंप ने कहा कि हम एक देश हैं और जनता का दर्द हमारा दर्द है। उनके सपने हमारे सपने हैं और उनकी सफलता हमारी सफलता है। हम एक दिल, एक घर और एक गौरवशाली भाग्य को साझा करते हैं। जिस पद की मैंने आज शपथ ली है वह सभी अमेरिकी जनता के प्रति निष्ठा का पद है.।

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जनता के हाथों में आई है सत्ता

राष्ट्रपति डेानाल्ड ट्रंप ने अपने संबोधन में इस बात का बेहद साफतौर जिक्र किया कि अब देश में किसी भी तरह का नरसंहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह यहीं और अभी रुकेगा। उन्होंने हिंसा, ड्रग्स और अपराध सहित देश के सामने खड़ी समस्याओं का हल करने का संकल्प लेते हुए कहा कि हम वाशिंगटन डीसी से सत्ता का हस्तांतरण कर रहे हैं और इसे अमेरिकी जनता के हाथों में सौंप रहे हैं। बराक ओबामा की मौजूदगी में ट्रंप ने कहा ये सारे बदलाव यहीं और अभी से होंंगे, क्योंकि यह क्षण आपका क्षण है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति ने कहा खोखली बातों का दौर अब बीत गया, काम का समय आ गया है।

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16 मिनट के भाषण में कई मुद्दों का जिक्र

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने 16 मिनट के संबोधन में कहा कि ‘हम साथ मिलकर अमेरिका और दुनिया की कार्यप्रणाली तय करेंगे जो आने वाली कई सालों के लिए होगी। हम चुनौतियों का सामना करेंगे, हम कठिनाइयों का सामना करेंगे, लेकिन अपना काम पूरा करेंगे। अपने प्रचार अभियान का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की राजधानी में कुछ लोगों ने लंबे समय तक सरकार का फायदा उठाया, लेकिन लोगों को कीमत चुकानी पड़ी। वॉशिंगटन समृद्ध हो गया, लेकिन लोगों ने इसकी समृद्धि को साझा नहीं किया।

कुछ लोग ज्यादा अमीर और कुछ बेहद गरीब हो गए

ट्रंप ने कहा कि गलत नीतियों के चलते नेता समृद्ध हुए, लेकिन लोगों की नौकरियां चली गईं और फैक्टरियां बंद हो गईं। प्रशासनिक प्रतिष्ठान ने खुद की रक्षा की, लेकिन हमारे देश के नागरिकों की रक्षा नहीं की। उनकी जीत आपकी नहीं रहीं, उनकी खुशहाली आपकी खुशहाली नहीं रही। जब उन्होंने हमारे देश की राजधानी में जश्न मनाया तो पूरे देश में संघर्ष कर रहे परिवारों के लिए जश्न मनाने के लिए बहुत मामूली चीजें थीं।

नौकरियों में आई गिरावट पर चिंता

ओबामा प्रशासन के दौरान नौकरियों में आई गिरावट पर उन्होंने लोगों से अमेरिकियों की नौकरियां बहाल करने का वादा भी किया। उन्होंने कहा कि हम पुराने गठजोड़ों को नयी ताकत देंगे और एक नया स्वरूप देंगे। इस मौके पर ट्रंप एक बार फिर से अमेरिका फर्स्ट का नारा देते हुए दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि यही उनकी सरकार का मूलमंत्र होगा और सत्ता वॉशिंगटन से जनता को हस्तांतरित की जाएगी, जो कि आज तक नहीं हो सका।

आतंकवाद पर कड़ा रुख

राष्ट्रपति के तौर पर दिए अपने पहले भाषण में उन्होंने आतंकवाद को लेकर भी बेहद कड़ा रुख अपनाया। शपथ ग्रह ण समारोह के बाद दिए संबोधन में उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन दुनिया से कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद’ का सफाया करेगा। अपने चिर-परि चित अंदाज में उन्होंने दुनिया को नया दौर आने का विश्वास दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार दूसरे देशों पर अपना शासन नहीं थोपेगी। इस शपथ ग्रहण समारोह में काफी संख्या में लोगों ने शिरकत की। उन्होंने अब्राहम लिंकन की बाइबल पर अपना बायां हाथ रखकर राष्ट्रपति पद की शपथ ली। उन्हें प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।

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सरकार पर जनता का नियंत्रण

देश को एकजुट बनाए रखने के प्रयास के तहत ट्रंप ने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि सरकार पर किस पार्टी का नियंत्रण है, बल्कि यह मायने रखता है कि क्या सरकार पर जनता का नियंत्रण है। अपने भाषण में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि 20 जनवरी 2017 को एक ऐसे दिन के तौर पर याद किया जाएगा जब जनता फिर से देश की शासक बन गई। ट्रंप ने कहा कि आपको हर कोई सुन रहा है। आप लाखों की संख्या इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने आए हैं जिसे दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा।

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ओबामा की नीतियों की आलोचना

शरणार्थियों के मुद्दे और सीरिया में अमेरिकी सेनाओं द्वारा की गई बमबारी पर उन्होंने कहा कि हमने दूसरे देशों की सेनाओं को मदद दी गई जबकि हमारी अपनी सेना को कमजोर हो गई। हमने दूसरे देश की सीमाओं कर रक्षा की जबकि अपने खुद की सीमा का बचाव करने से इंकार किया। हमने विदेशों में खरबों डॉलर खर्च कर दिए जबकि अमेरिका का बुनियादी ढांचा संरचना बेकार होता चला गया। हमने दूसरे देशों को समृद्ध बनाया जबकि हमारे देश की दौलत, ताकत और विश्वास कहीं खो गया।

पूर्व राष्ट्रपति हुए शामिल

उन लाखों अमेरिकी कामगारों के बारे में सोचा भी नहीं गया जो कहीं पीछे छूट गए। उन्होंने कहा कि मध्य वर्ग की दौलत उनके घरों से छीन ली गई और पूरी दुनिया में बांट दी गई। लेकिन अब यह अतीत हो चुका है। अब हम सिर्फ भविष्य की ओर देख रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह में बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा, पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश एवं जिमी कार्टर और बिल क्लिंटन, हिलेरी क्लिंटन भी मौजूद थे।

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