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भारतीय इंजीनियर की याद में कंसास में शांति मार्च

कंसास शहर के सांस्कृतिक केंद्र और मंदिर में सभी धर्मो की प्रार्थना से सभा की शुरुआत हुई। आलोक ने लोगों को संबोधित करते हुए श्रीनिवास के साथ अपनी नौ साल पुरानी दोस्ती को याद किया।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Mon, 27 Feb 2017 05:30 PM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2017 06:14 PM (IST)
भारतीय इंजीनियर की याद में कंसास में शांति मार्च

ह्यूस्टन, प्रेट्र। युवा भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचीभोटला की याद में रविवार को अमेरिका के कंसास में शांति मार्च निकाला गया और प्रार्थना सभा रखी गई। इसमें विभिन्न धर्म और नस्ल के सैकड़ों लोग शामिल हुए। 32 साल के कुचीभोटला की पूर्व अमेरिकी नौसैनिक एडम प्यूरिंग्टन ने 23 फरवरी को गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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मार्च में शामिल लोगों ने अपने हाथों में बैनर ले रखा था। इन पर लिखा था, 'हम अमन चाहते हैं, हम अमनपसंद हैं, हमें अपने बच्चों से बिछड़ने मत दो।' कई लोगों ने अपने हाथों में मोमबत्तियां पकड़ रखी थीं और तख्तियां ली थी जिन पर लिखा था, 'हम घृणा की राजनीतिक का समर्थन नहीं करते।'

घटना में घायल हुए श्रीनिवास के दोस्त आलोक मदासानी भी बैसाखियों के सहारे मार्च में शामिल हुए। बीच-बचाव की कोशिश में जख्मी अमेरिकी युवक इयान ग्रिलट की बहनें भी हिस्सा बनीं। इनके अलावा कंसास के लेफ्टिनेंट गवर्नर जेफ कोलेयर, सांसद केविन योडेर, ऑलेथ के मेयर माइक कोपलैंड और पुलिस प्रमुख स्टीवन मेंके भी शांति जुलूस और प्रार्थना सभा में शामिल हुए।

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कंसास शहर के सांस्कृतिक केंद्र और मंदिर में सभी धर्मो की प्रार्थना से सभा की शुरुआत हुई। आलोक ने लोगों को संबोधित करते हुए श्रीनिवास के साथ अपनी नौ साल पुरानी दोस्ती को याद किया। उन्होंने कहा, 'श्रीनिवास दयालु थे। वह लोगों से प्यार करते थे और उनके दिल में सभी के लिए करूणा थी। उन्होंने आम बातचीत में भी कभी भी नफरत भरी कोई बात नहीं की या लापरवाही से कोई बयान नहीं दिया था।'

श्रीनिवास की हत्या को डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में बढ़ते नस्लवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। श्रीनिवास की पत्त्नी सुनयना ने भी शुक्रवार को हत्या से उपजे सवालों को सामने रखते हुए सरकार से पूछा था कि वह नफरत की बुनियाद पर होने वाली हत्या और हिंसा को कैसे रोकेगी।

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गौरतलब है कि ओलेथ शहर स्थित जीपीएस बनाने वाली कंपनी गार्मिन के मुख्यालय में श्रीनिवास और आलोक साथ-साथ काम करते थे। एक बार में नस्लवाद पर बहस के बाद प्यूरिंग्टन ने 'आतंकी! मेरे देश से चले जाओ' कहते हुए उन्हें गोली मार दी थी। घटना के पांच घंटे बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि घृणा अपराध का आरोप अब तक उस पर नहीं लगाया गया है। एफबीआई इसकी जांच कर रही है।


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