एचआइवी मरीजों में लिवर और हृदय रोग का भी खतरा
एचआइवी संक्रमित रोगियों के जैविक उम्र की प्रक्रिया औसतन पांच साल बढ़ सकती है। इनमें उम्र संबंधित बीमारियों का रिस्क होता है।
न्यूयार्क, (आइएएनएस)। भले ही एंटीरेट्रोवाइरल उपचार से एचआइवी संक्रमित रोगियों की मृत्यु दर में कमी आई हो। लेकिन एक नए शोध का दावा है कि ऐसे रोगियों में अक्सर ही समय से पूर्व बुढ़ापा दिखने लगता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि एचआइवी संक्रमण के चलते इंसानों की जैविक उम्र की प्रक्रिया औसतन पांच साल बढ़ सकती है। इन लोगों में उम्र संबंधी बीमारियां जैसे लिवर की समस्या और हृदय रोग का भी जोखिम रहता है। इसके चलते मृत्यु दर में 19 फीसद तक की वृद्धि हो सकती है।
द.अफ्रीका और नाईजीरिया के बाद भारत में सबसे ज्यादा HIV संक्रमित लोग
अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का के प्रोफेसर हावर्ड फॉक्स ने कहा, 'एचआइवी रोगियों के उपचार के मायने बदल चुके हैं। हम अब उनमें उम्र संबंधी बीमारियों को लेकर चिंतित हैं।
एचआइवी को रोकने वाले एंटीबॉडीज की खोज का दावा
यह निष्कर्ष 137 रोगियों पर किए गए अध्ययन के आधार पर निकाला गया है। अध्ययन के दौरान उनके चिकित्सा के हालात पर विस्तृत तौर पर गौर किया गया। इस शोध का प्रकाशन जर्नल मोलेक्यूलर सेल में किया गया है।