पैसों की लाचारी के चलते पांच लाख कैंसर पीडि़तों ने गंवाई अपनी जान
मंदी की मार का असर सबसे अधिक उन पर पड़ता है जो इसके चलते बेरोजगार हो जाते हैं। आपको जानकर हैरत होगी कि महज दो वर्षों के अदंर पांंच लाख कैंसर पीडि़तों की मौत हुई है।
पेरिस (एएफपी)। विश्व में आए फाइनेंशियल क्राइसिस के चलते दो वर्षों में करीब 5 लाख कैंसर पीडि़तों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह लोग वित्तीय संकट के चलते अपना ईलाज नहीं करवा सके। रिपोर्ट में इसके पीछे इन लोगों का नौकरी से हाथ धोना भी बताया गया है।
ओईसीडी (Organisation for Economic Cooperation and Development) की यह रिपोर्ट वर्ष 2008-2010 के दौरान हुए शोध पर आधारित है। रिपोर्ट में कहा गया हैै कि महज दो वर्षों में कैंसर के करीब 5000000 पीडि़तों की मौत सिर्फ इस वजह से हुई क्योंकि वह अपना समय पर ईलाज नहीं करवा सके।
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इस रिपोर्ट में कहा गया हैै कि यूरोपियन यूनियन में ही इस दौरान करीब 160,000 कैंसर पीडि़तों की मौत दर्ज की गईं। वहीं अकेले अमेरिका में यह करीब 18000 थीं। फ्रांस में इस दौरान करीब 1500 कैंसर पीडि़तों की मौत पैसे की कमी के चलते हुई। वर्ष 2012 में करीब 8.2 मिलियन लोगों की मौत की वजह कैंसर थी। शोधकर्ता मुरुथप्पू ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2008 से 2010 के बीच आई मंदी के चलते कई लोगों बेरोजगार हो गए थे।
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इस बेराेजगारी की चपेट में आए कैंसर पीडि़तों की हालत और दयनीय हो गई थी। यही वजह थी कि वह अपना ईलाज समय पर और पूरा नहीं करवा सके और उनकी मौत हो गई। इसके शोध के लिए शोधकर्ताओं ने डब्ल्यूएचओ और वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों का भी प्रयोग किया है। इसमें दुनिया के करीब सत्तर देशों को रखा गया है। कैंसर से जुड़ी सभी खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें