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    उत्‍तर कोरिया कुछ ऐसे करेगा गुआम पर मिसाइल हमला, प्‍लान किया जारी

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Fri, 11 Aug 2017 09:57 AM (IST)

    उत्‍तर कोरिया ने प्रशांत महासागर में स्थि‍त अमेरिकी द्वीप गुआम पर हमला करने का पूरा प्‍लान सामने रख दिया है। इस प्‍लान ने जापान समेत दक्षिण कोरिया की चिंता को बढ़ा दिया है।

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    उत्‍तर कोरिया कुछ ऐसे करेगा गुआम पर मिसाइल हमला, प्‍लान किया जारी

    नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। उत्‍तर कोरिया ने अमेरिकी पैसिफिक क्षेत्र के गुआम द्वीप पर मिसाइल हमले का पूरा डिटेल प्‍लान सामने रख दिया है। ऐसा कर उसने दोनों देशों के बीच कई माह से जारी तनातनी को चरम सीमा पर पहुंचा दिया है। इसके साथ ही उत्‍तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन ने ट्रंप की चेतावनी को पूरी तरह से बकवास बताया जिसमें उन्‍होंने कहा था कि अगर किम अमेरिका को धमकाना बंद नहीं करते हैं तो उत्‍तर कोरिया को ऐसे विध्वंस का सामना करना होगा जो दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा होगा। उत्‍तर कोरिया की स्‍ट्रेटेजिक फोर्स के प्रमुख जनरल किम रैक ग्‍योम ने अमेरिका को धमकाते हुए यहां तक कहा है कि यदि गोरे लोग ही मर जाएंगे तो उनके बच्‍चों को न्‍यूक्लियर वार की बातें कौन बताएगा।

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    आपको बता दें कि उत्‍तर कोरिया के दक्षिण पूर्व में स्थित गुआम द्वीप प्‍योंगयांग से करीब 3400 किमी (2100 मील) की दूरी पर स्थित है। इस द्वीप पर करीब 3831 सैन्‍यकर्मी तैनात हैं। इस द्वीप पर स्थित एंडरसन एयरफोर्स बेस पर अमेरिका के छह बर्मवर्षक विमान बी-52 और कई लड़ाकू विमान तैनात हैं। गुआम द्वीप करीब 210 वर्ग मील (544 वर्ग किमी) की दूरी तक फैला है। यहां की आबादी करीब 162000 है। गुआम पर अमेरिकी नौसेना का नेवल बेस भी स्थित है। इसके नजदीक में पापुआ न्‍यू गिनी, फिलीपींस और इंडोनेशिया है। प्रशांत महासागर में स्थित गुआम अमेरिका का हिस्‍सा है।

    ग्‍योम का कहना है कि अब अमेरिका के लोगों के साथ किसी तरह की बातचीत करनी पूरी तरह से बेमानी है। अब उन्‍हें केवल बल प्रयोग से ही समझाया जा सकता है। अपने बयान के दौरान ही उन्‍होंने चार इंटरमीडिएट रेंज मिसाइल की तैनाती और गुआम पर अटैक की पूरी प्‍लानिंग का भी ब्‍योरा दिया। उनका कहना था कि उत्‍तर कोरिया की ये चार मिसाइल जापान के ऊपर से होते हुए गुआम को कुछ ही पलों में बर्बाद कर देंगी। इसके लिए उत्‍तर कोरिया ह्वासोंग 12 रॉकेट का इस्‍तेमाल करेगा जो जापान के हिरोशिमा, शिमानी और कोएची के ऊपर से जाएगा। यह करीब 1065 सैकेंड में 3356 किमी की दूरी तय करेगा और गुआम को तबाह कर देगा। उन्‍होंने साफ कर दिया कि उनकी सेना हमले के लिए पूरी तरह से तैयार है, इसके लिए बस कमांडर इन चीफ किम जोंग उन की ही इजाजत की देर है। उनका इशारा मिलते ही गुआम पर हमला कर दिया जाएगा। ग्‍योम ने यह भी इसकी तैयार पहले ही सेना ने कर रखी है।

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    गौरतलब है कि अमेरिका और उत्‍तर कोरिया के बीच पिछले कई माह से तनातनी चल रही है। उत्‍तर कोरिया के सख्‍त रवैये के बाद अमेरिका ने भी अपना कड़ा रुख इख्तियार करते हुए कहा है कि उत्‍तर कोरिया उसको धमकाने की गलती न करे। अमेरिका का कहना है कि उत्‍तर कोरिया आग के गोले पर बैठा है। इस पर भी वह यदि नहीं माना तो उसको उस विध्‍वंस का सामना करना पड़ेगा जो इससे पहले कभी किसी ने नहीं देखा होगा।

    उत्‍तर कोरिया की ताजा धमकी के बाद दक्षिण कोरिया की चिंता बढ़ गई है। दक्षिण कोरिया की सेना के प्रवक्‍ता रोह जे चिओन की तरफ से कहा हे कि इस धमकी ने उसके साथ-साथ अमेरिका और उसकी गठबंधन सेनाओं की चिंता को बढ़ा दिया है। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस धमकी के बाद दक्षिण कोरिया को भी अपने सुरक्षा संबंधी तैया‍रियां करनी जरूरी हो गई है।

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    उत्‍तर कोरिया की इस धमकी ने जापान को भी नाराज कर दिया है। जापान ने इस धमकी पर अपना रुख कड़ा करते हुए साफ कर दिया है कि इसको किसी भी सूरत से बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। जापान की सरकार के प्रवक्‍ता योशिहिदे सुग ने बयान में कहा है कि उत्‍तर कोरिया न सिर्फ उसके पड़ोसी देशों बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बन गया है। यहां पर ध्‍यान देने वाली बात यह भी है कि दो दिन पहले ही अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में यह बात कही गई थी कि उत्‍तर कोरिया परमाणु हमला करने वाली मिसाइल को बनाने की तैयारियों में लगा हुआ है। इस रिपोर्ट के बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्‍स मैटिस ने कहा था कि उत्‍तर से बढ़ता खतरा पूरी मानवता के लिए खतरा है। यदि उत्‍तर कोरिया हमला करता है तो इसका अंजाम भयावह होगा और उसका नामोनिशान मिट जाएगा। अमेरिका ने यह भी साफ कर दिया है कि उत्‍तर कोरिया से उसे कोई खतरा नहीं है, क्‍योंकि उन्‍हें इसकी कीमत चुकानी होगी।

    ट्रंप के डिप्‍टी असिसटेंट सेबेस्टियन गोरका का कहना है कि अमेरिका की पिछली सरकार चाहे वह क्लिंटन की रही हो या फिर आेबामा की रही हो, उन्‍होंने उत्‍तर कोरिया को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। लेकिन ट्रंप के सत्‍ता में आने के बाद उत्‍तर कोरिया को रोकने की कोशिशें लगातार जारी हैं और ट्रंप केवल परमाणु हमले को धमकी देने के लिए ही इस्‍तेमाल नहीं करते हैं, वह ऐसा कर भी सकते हैं।

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