मुंबई हमले के साजिशकर्ता का खुलासा, 9/11 के बाद लश्कर से जुड़ा था हेडली
मुंबई हमले के एक प्रमुख साजिशकर्ता पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली ने खुलासा किया है कि उसने 9/11 हमले के बाद लश्कर-ए-तैयबा से स्थायी रूप से जुड़ने का फैसला कर लिया था। टेलीविजन वृत्तचित्र 'अमेरिकन टेररिस्ट' को डेविड कोलमैन हेडली से मिले संस्मरण से इसका खुलासा हुआ
वाशिंगटन। मुंबई हमले के एक प्रमुख साजिशकर्ता पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली ने खुलासा किया है कि उसने 9/11 हमले के बाद लश्कर-ए-तैयबा से स्थायी रूप से जुड़ने का फैसला कर लिया था। टेलीविजन वृत्तचित्र 'अमेरिकन टेररिस्ट' को डेविड कोलमैन हेडली से मिले संस्मरण से इसका खुलासा हुआ है। उसके पिता पाकिस्तानी और मां अमेरिकी हैं। यह वृत्तचित्र मंगलवार रात प्रसारित हुआ था।
लश्कर के साथ काम करते हुए उसने अपने अमेरिकी पासपोर्ट का इस्तेमाल भारत दौरे के लिए किया और हमले के लिए स्थानों की रेकी और उनकी वीडियोग्राफी की। इसके अलावा हमलावरों के भारत में प्रवेश का रास्ता भी उसने ढूंढा।
लश्कर आतंकियों के साथ अपनी पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए हेडली ने कहा कि वह भारत से कश्मीर की आजादी को लेकर उनके समर्पण से बेहद प्रभावित था।
प्रोपब्लिका और फ्रंटलाइन में प्रकाशित संस्मरण के अनुसार हेडली ने लिखा है, 'अक्टूबर 2000 के दौरान पाकिस्तान दौरे पर मैं संयोगवश लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में आया। मैंने नवंबर में उनके वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लिया।' आतंकी संगठन से जुड़ने के अपने फैसले पर हेडली ने कहा कि 2002 में लश्कर ने उससे अपने हथियार प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने को कहा। संस्मरण के मुताबिक, उसने विस्फोट का प्रशिक्षण लिया। उसने लिखा, 'अंतत: जून में मेरे वरिष्ठ साजिद मीर ने मुझे अमेरिका लौटने की सलाह दी। मेरे मुस्लिम नाम को ईसाई नाम में बदल दिया और उस नाम के साथ मुझे नया अमेरिकी पासपोर्ट दिलाया।'
ताज होटल में भी ठहरा
हेडली के मुताबिक, मीर ने मुझे बताया कि मैं भारत जाऊंगा। मैं पाकिस्तानी नागरिक जैसा नहीं लगता था। मैं हिंदी और ऊर्दू धाराप्रवाह बोल लेता था, जिसने मुझे भारत में फायदा दिया। भारत आकर हेडली ने मुंबई में रेकी की शुरुआत की। एक बार भारत यात्रा के दौरान वह अपनी नई पत्नी के साथ हनीमून के सिलसिले में ताज होटल में रुका, जो कि मुंबई हमले का मुख्य निशाना था।
इस तरह बदला नाम
लश्कर की ओर से उससे पाकिस्तानी पिता और अमेरिकी मां से मिले नाम दाऊद गिलानी को बदलने की मांग की गई। हेडली ने कहा कि उसने डेविड चुना जो कि दाऊद का अंग्रेजी नाम है। कोलमैन उसके दादा का नाम था और हेडली शादी से पहले उसकी मां का नाम था। यह एक नौकरशाह जैसा काम था। लेकिन खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, उसने यह नाम इसलिए चुना ताकि उसे पकड़ना आसान न हो।
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