Move to Jagran APP

सीआइए को पता था, ट्रंप को जिताना चाहते थे पुतिन

इस बीच खुफिया विभाग हिलेरी क्लिंटन का ईमेल हैक होने और विकीलीक्स द्वारा इन्हें जारी करने पर कुछ नहीं कर सका।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 04:05 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 04:05 PM (IST)
सीआइए को पता था, ट्रंप को जिताना चाहते थे पुतिन
सीआइए को पता था, ट्रंप को जिताना चाहते थे पुतिन

वाशिंगटन, एएफपी : अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए को पिछले साल अगस्त में अहम शीर्ष स्तरीय खुफिया जानकारी मिली थी। इसके मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने में डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से अभियान शुरू करने का आदेश दिया था।

loksabha election banner

यह दावा समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी खबर में किया है। अखबार के अनुसार इस जानकारी के मिलते ही ह्वाइट हाउस में खलबली मच गई। उस समय चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की जीत होने का भरोसा था। इस भरोसे और राष्ट्रपति बराक ओबामा की चुनाव प्रभावित होने की चिंता के बीच अमेरिकी प्रशासन ने मास्को को चेतावनी जारी की लेकिन कार्रवाई को मतदान होने तक के लिए टाल दिया गया।

ट्रंप की चौंका देने वाली जीत के बाद प्रशासन के अधिकारियों में इस बात का पछतावा था कि उन्होंने कड़ी कार्रवाई नहीं की। एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने समाचार पत्र से कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े लोग यह आत्मावलोकन कर रहे थे कि क्या मामले से सही तरह से नहीं निपटा गया।'

वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक पुतिन के बारे में खुफिया सूचना को ह्वाइट हाउस ने गहरे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के तौर पर देखा। इसके बाद एक खुफिया टास्क फोर्स का गठन किया गया, जो इससे संबंधित सभी जानकारियां जुटाए।

इस बीच खुफिया विभाग हिलेरी क्लिंटन का ईमेल हैक होने और विकीलीक्स द्वारा इन्हें जारी करने पर कुछ नहीं कर सका। फिर उनका ध्यान इस बात पर केंद्रित हो गया कि कहीं आठ नवंबर के मतदान में मास्को मतदाता पंजीकरण सूची अथवा वोटिंग मशीनों को हैक कर गड़बड़ी ना कर दे। इस संबंध में रूस को चार बार चेतावनी दी गई।

चुनाव संपन्न होने के बाद रूस के खिलाफ अलग-अलग स्तर पर कार्रवाई की तैयारी की गई थी। इसमें रूस पर कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगाना, कुछ ऐसी जानकारियां सार्वजनिक करना जिससे पुतिन शर्मसार हों और रूस के महत्वपूर्ण ठिकानों पर साइबर हमला शामिल था। यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप प्रशासन ने इस दिशा में कोई कदम उठाया या नहीं।

यह भी पढ़ें: 'अमेरिकी आप्रवासन प्रणाली का कायाकल्‍प चाहते हैं ट्रंप, भारत समेत कई देश होंगे प्रभावित'

वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि अगर ओबामा प्रशासन को इस तरह की जानकारी थी, तो उन्होंने कोई कदम क्यों नहीं उठाया। यह दुखद है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.