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'अमेरिकी आप्रवासन प्रणाली का कायाकल्‍प चाहते हैं ट्रंप, भारत समेत कई देश होंगे प्रभावित'

व्हाइट हाउस ने कहा कि एच-1बी मामला अभी समीक्षाधीन है और मौजूदा नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 01:25 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 01:25 PM (IST)
'अमेरिकी आप्रवासन प्रणाली का कायाकल्‍प चाहते हैं ट्रंप, भारत समेत कई देश होंगे प्रभावित'
'अमेरिकी आप्रवासन प्रणाली का कायाकल्‍प चाहते हैं ट्रंप, भारत समेत कई देश होंगे प्रभावित'

 नई दिल्‍ली, एएनआइ। ऐसा माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के समक्ष एच-1बी वीजा मसले को उठाएंगे। लेकिन व्‍हाइट हाउस ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। व्‍हाइट हाउस का कहना है कि पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति ट्रंप के की मुलाकात के दौरार विवादित एच-1बी वीजा मुद्दा नहीं उठाया जाएगा। इस बीच हडसन इंस्टीट्यूट में इंडिया इनिशिएटिव की डायरेक्‍टर डॉ. अपर्णा पांडा ने कहा है कि एच-1बी वीजा व्‍यवस्‍था पर हमला देश के पूरे आप्रवासन प्रणाली का कायाकल्‍प करने के लिए अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इच्छा का एक हिस्सा है।

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पीएम मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले ही व्‍हाइट हाउस ने एच-1बी पर होने वाली संभावित चर्चा पर विराम लगा दिया। व्हाइट हाउस ने कहा कि एच-1बी मामला अभी समीक्षाधीन है और मौजूदा नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अधिकारी ने कहा कि लेकिन अगर भारत की ओर से यह मुद्दा उठाया गया, तो अमेरिका इसके लिए तैयार है। 

डॉ अपर्णा पांडा कहती हैं, 'एच-1बी पूरे आप्रवासन प्रणाली को फेरबदल करने की ट्रम्प की इच्छा का एक हिस्सा है और यह केवल भारत को प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि उन सभी देशों पर असर डालेगा जहां से भी लोग अमेरिका में आएंगे।' वहीं पीएम मोदी मोदी के अमेरिका के दौरे के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि मोदी और राष्ट्रपति अकेले में मिलेंगे। ये जी-20 या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरह एक सम्मेलन की बैठक नहीं होगी।

उन्होंने कहा, 'पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और और प्रधानमंत्री मोदी के साथ बहुत अच्छे रिश्ते थे। इसलिए इस यात्रा से दोनों पक्षों को मदद मिलेगी कि वे इस तरह के रिश्‍तों का निर्माण फिर से कर सकते हैं।' एच-1 बी वीजा को लेकर उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर ट्रंप से बातचीत कर सकते हैं, पहले के प्रधानमंत्री भी ऐसे मुद्दों पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति से बातचीत करते रहे हैं। लेकिन अंतिम निर्णय अमेरिकी सरकार के हाथों में ही है। हम सिर्फ इस विषय पर चिंता व्‍य‍क्‍त कर सकते हैं।

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