भारत की 'मंगल' सफलता से चीन को जलन नहीं
चीन ने कहा कि भारत के मंगल मिशन की कामयाबी से उसे कोई जलन नहीं है बल्कि वह इससे खुश है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय के मुताबिक, स्पष्ट तौर से चीन, भारत के मंगल मिशन की कामयाबी से ईष्र्या नहीं करेगा।
बीजिंग। चीन ने कहा कि भारत के मंगल मिशन की कामयाबी से उसे कोई जलन नहीं है बल्कि वह इससे खुश है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय के मुताबिक, स्पष्ट तौर से चीन, भारत के मंगल मिशन की कामयाबी से ईष्र्या नहीं करेगा।
कई मोर्चो पर भारत से आगे है चीन
इसने लिखा कि चीन के लोग इस बात को समझते हैं कि चीन में भारत से ज्यादा आधुनिक तकनीक, आर्थिक और सामाजिक विकास है। इसके मुताबिक, मंगलयान की सफलता पर चीन से आगे निकलने पर भारत के लोगों ने खुशी जताई है। चीन का मंगल पर पहला परीक्षण 2011 में असफल हो गया था। अखबार ने लिखा है कि इंटरनेट पर ऐसा शब्द आडंबर किया जा रहा है कि भारत की कामयाबी, चीन के जख्मों पर नमक छिड़क रही है, यह बहुत गंभीर बात है। ग्लोबल टाइम्स को चीन का राष्ट्रवादी अखबार माना जाता है।
भारत के साथ एशिया के लिए भी गर्व की बात
संपादकीय ने लिखा कि वास्तव में भारत की कामयाबी से चीन के खुश होने की कई वजहें है। यह भारत के साथ एशिया और सारी मानव जाति के लिए भी गर्व की बात है। हम इस कामयाबी के लिए भारत को बधाई देते हैं। चीन के विदेश मंत्री ने मंगलयान के मंगल की सतह पर पहुंचने के तुरंत बाद ही भारत की उपलब्धि की सराहना की थी।
चीन की लगभग पूरी मीडिया ने फोटो के साथ भारतीय मंगल मिशन की कामयाबी को प्रकाशित किया है।
ब्रिटेन के लोगों की नकारात्मक टिप्पणी
ब्रिटिश लोगों ने मंगलयान की कामयाबी के बाद भारत की दी जा रही आर्थिक सहायता पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने इंटरनेट पर लिखा है कि जो देश अंतरिक्ष अभियान पर 450 करोड़ रुपए खर्च कर सकता है, उसे आर्थिक मदद देने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय देश को युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने और अपनी सीमाओं को मजबूत करने पर खर्च करना चाहिए। ब्रिटेन पिछले चार सालों से भारत को 1.1 बिलियन यूरो [लगभग 85 अरब रुपए] की आर्थिक मदद कर रहा है।