अमेरिकी अदालत ने बादल के खिलाफ फैसला सुरक्षित रखा
वाशिंगटन। अमेरिका में विस्कांसिन की एक अदालत ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघन मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।
वाशिंगटन। अमेरिका में विस्कांसिन की एक अदालत ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघन मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।
डिस्ट्रिक कोर्ट ने न्यूयार्क स्थित सिख अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली संस्था सिख फॉर जस्टिस [एसएफजे] की याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बादल ने भारत में समुदाय के लोगों के खिलाफ मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है।
बादल की पैरवी कर रहे वकीलों ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को विस्कांसिन यात्रा पर आने के दौरान समन नहीं सौंपा गया था। जबकि एसएफजे ने दावा किया कि उसके अधिकृत व्यक्ति ने बादल को समन सौंपा। बादल पर पंजाब में सिखों को हिरासत में प्रताड़ित करने और इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों का पक्ष लेने और लगातार मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं। पिछले साल अगस्त में बादल एनआरआइ बिजनेसमैन दर्शन सिंह धालीवाल की बेटी की शादी में शिरकत करने के लिए विस्कांसिन गए थे। उसी दौरान एसएफजे ने एलिशन टार्ट एक्ट और टारचर विक्टम्स प्रोटेक्शन एक्ट के तहत उनके खिलाफ मानवाधिकार उल्लंधन का मामला दर्ज कराया था।
एसएफजे द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वह हाल में गठित अमेरिकन सिख कांग्रेसनल कॉकस से संपर्क कर विदेश मंत्रालय से बादल को दिए जा रहे सहयोग को वापस लेने का आग्रह करेगा। साथ ही कांग्रेसनेल सुनवाई की मांग करेगा जिसमें शिरोमणि अकाली दल के नेताओं के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने को लेकर चर्चा की जा सके। गौरतलब है कि हाल ही में गठित कॉकस ने कहा है कि वह सिखों से जुड़े घरेलू मुद्दे ही उठाएगा, विदेशी नहीं। पिछले महीने वाशिंगटन में कॉकस की घोषणा के दौरान एसएफजे के सदस्य मौजूद थे।
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