Move to Jagran APP

जलवायु परिवर्तन कोष में दो अरब डॉलर देगा कनाडा

पेरिस में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन आयोजित होने से पहले राष्ट्रमंडल देशों ने बढ़ते वैश्विक तापमान से निपटने के लिए अरबों डॉलर का कोष सामने रखा है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 10:30 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 10:52 PM (IST)

वेलेटा (माल्टा)। पेरिस में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन आयोजित होने से पहले राष्ट्रमंडल देशों ने बढ़ते वैश्विक तापमान से निपटने के लिए अरबों डॉलर का कोष सामने रखा है। ग्रीन-हाउस गैस उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए कनाडा ने कोष में सबसे ज्यादा दो अरब डॉलर (एक खरब 33 अरब रुपये से भी अधिक) की सहायता का प्रस्ताव रखा है।

loksabha election banner

यहां हो रह राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर एक विशेष सत्र के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ने कहा कि उनका देश विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने और स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए उनका देश अगले पांच वर्षो में करीब दो अरब अमेरिकी डॉलर देगा।

ये भी पढ़ें- जलवायु परिवर्तन से निपटने की बड़ी तैयारी, 66 अरब का फंड बनाया

माल्टेस प्रधानमंत्री जोसफ मस्कट ने राष्ट्रमंडल के 53 के भीतर पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए एक अरब अमेरिकी डॉलर के राष्ट्रमंडल हरित वित्तीय सुविधा (ग्रीन फाइनेंसियल फैसिलिटी) का उद्घाटन किया।

ब्रिटेन ने आपदा प्रबंधन के लिए दो करोड़ 10 लाख पौंड और समुद्र आधारित अर्थ व्यवस्था के लिए 55 लाख पौंड अलग से दिया है। आस्ट्रेलिया ने राष्ट्रमंडल के नए आइडिया जलवायु परिवर्तन हब के लिए 10 लाख अमेरिकी डॉलर देने की पेशकश की है।

भारत ने व्यक्त की विकासशील देशों की चिंता :

इस समूह में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मुख्य जोर आतंकवाद से निपटने और जलवायु परिवर्तन से मुकाबले पर रहा। भारत लगातार कहता चला आ रहा है कि कार्बन उत्सर्जन को न्यून करने के लिए विकासशील देशों की वित्तीय मदद और तकनीक हस्तांतरित करनी होगी। समझौते के दौरान भारत ने अग्रणी भूमिका निभाई। जलवायु परिवर्तन से निपटने पर राष्ट्रमंडल देशों का रुख तय करने में विकासशील देशों की चिंता को भारत ने साफ शब्दों में रखा।

राष्ट्रमंडल महासचिव कमलेश शर्मा ने कहा कि 53 सदस्य देशों में से 31 देश छोटे हैं और 25 छोटे द्वीप हैं जो जलवायु परिवर्तन के लिहाज से अत्यंत नाजुक हैं। इन देशों को मदद मिलेगी

जलवायु त्रासदी से मुक्ति दिलाने की मांग को लेकर रैलियां

पेरिस : जलवायु परिवर्तन पर नेताओं का ध्यान आकृष्ट करने के लिए दुनिया के कई मुल्कों में लोगों ने रैलियां निकाली। प्रदर्शनकारियों ने नेताओं से जलवायु त्रासदी से मुक्ति दिलाने वाले समझौते की मांग की। पेरिस के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रही विश्व शक्तियों से लोगों ने रुकावटों को दरकिनार करने को कहा। ये रैलियां आस्ट्रेलिया से फीलिपींस, बांग्लादेश से जापान तक में आयोजित की गई।

ये भी पढ़ें- भारत और चीन पर हुआ है सबसे ज्यादा जलवायु परिवर्तन का असरः रिपोर्ट

ओलांद को कुछ देशों से विरोध का खतरा

वेलेटा : फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने सभी देशों से संयुक्त राष्ट्र जलवायु समझौते का समर्थन करने का आग्रह किया है। यह समझौता सोमवार को पेरिस में शुरू होने वाली वार्ता में रखा जाएगा। उन्हें इस बात का डर है कि कुछ देश प्रक्रिया को पटरी से उतार सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.