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गुलाम कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन पर ब्रिटिश सांसद चिंतित

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन और वहां से भारतीय भूभाग में आतंकियों की घुसपैठ पर ब्रिटेन के सांसदों ने सख्त रवैया अपनाया है।

By Test1 Test1Edited By: Published: Thu, 10 Sep 2015 08:32 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2015 09:03 PM (IST)

लंदन। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन और वहां से भारतीय भूभाग में आतंकियों की घुसपैठ पर ब्रिटेन के सांसदों ने सख्त रवैया अपनाया है। एक अप्रत्याशित पहल के तहत ब्रिटेन की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में चार दलों के सांसदों ने गुलाम कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन को लेकर कैमरन सरकार से कहा कि वह इसे रोकने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाए। सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने सदन में प्रस्ताव रखते हुए राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बंद करने के लिए भी पाकिस्तान पर दबाव बनाने की अपील की।

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प्रस्ताव में गुलाम कश्मीर में सुनियोजित तरीके से मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताने के साथ ही कहा गया है कि सीमा पर तत्काल बिना किसी शर्त के 1948 की स्थिति बहाल करने के लिए ब्रिटेन सरकार पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाए। प्रस्ताव में सीमा पार से आए आतंकियों द्वारा जम्मू-कश्मीर में किए गए नरसंहारों का भी जिक्र किया गया है। हैरो ईस्ट से सांसद बॉब ने मंगलवार को सदन में यह प्रस्ताव रखा।

डूंडे वेस्ट से स्कॉटिश नेशनल पार्टी के सांसद क्रिस लॉ, स्ट्रैनफोर्ड से डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी के जिम शैनोन और लेबर पार्टी के ईलिंग साउथहॉल से भारतीय मूल के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने इसका समर्थन किया। ब्रिटिश सांसदों के इस प्रस्ताव को लेकर सोशल मीडिया में भी हलचल दिखी। लोग और विशेष रूप से अविभाजित जम्मू-कश्मीर के ब्रिटेन में रह रहे नागरिक प्रमुख राष्ट्रों से इस प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए आगे आने की अपील कर रहे हैं।

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