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    एयर एशिया के लापता विमान का कोई सुराग नहीं, उम्‍मीद कायम

    By anand rajEdited By:
    Updated: Mon, 29 Dec 2014 03:11 AM (IST)

    वर्ष 2014 जाते-जाते एक और बड़े विमान हादसे का गवाह बन गया। मलेशियाई एयरलाइंस के विमान एमएच 370 के गायब होने का रहस्य अभी सुलझा भी नहीं कि 162 लोगों को लेकर जा रहा एयर एशिया का विमान लापता हो गया। इंडोनेशिया से सिंगापुर जा रहा मलेशियाई कंपनी का विमान

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    जकार्ता। वर्ष 2014 जाते-जाते एक और बड़े विमान हादसे का गवाह बन गया। मलेशियाई एयरलाइंस के विमान एमएच 370 के गायब होने का रहस्य अभी सुलझा भी नहीं कि 162 लोगों को लेकर जा रहा एयर एशिया का विमान लापता हो गया। इंडोनेशिया से सिंगापुर जा रहा मलेशियाई कंपनी का विमान 'एयरबस ए-320-200' रविवार सुबह लापता हुआ। एयर एशिया के सूत्रों ने बताया कि विमान कहां है इसकी कोई जानकारी नहीं है। एक यातायात अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि जकार्ता हवाई यातायात नियंत्रक से विमान का संपर्क स्थानीय समयानुसार सुबह 6.17 पर संपर्क टूट गया।

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    एयर एशिया का विमान लापता, देखें तस्वीरें

    विमान ने इंडोनेशिया के सुराबाया से उड़ान भरी। इसे सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर सुबह साढ़े आठ बजे उतरना था, लेकिन उड़ान भरने के 42 मिनट बाद इसका संपर्क टूट गया।

    इंडोनेशिया के अधिकारियों ने घटना की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि घटना के वक्त विमान में कई घंटों की उड़ान लायक ईंधन था।

    विमान में चालक दल के सात सदस्यों के अलावा 155 यात्री सवार थे। इनमें इंडोनेशिया के 155, सिंगापुर, मलेशिया, ब्रिटेन व फ्रांस के एक-एक और दक्षिण कोरिया के तीन नागरिक शामिल थे। विमान में एक नवजात समेत 17 बच्चे सवार थे। इसमें कोई भारतीय नागरिक नहीं था। उड़ान संख्या क्यूजेड-8501 के मुख्य पायलट इरियांतो के पास 6,100 घंटे विमान उड़ाने का अनुभव था।

    मार्ग बदलने की मांगी थी अनुमति

    इंडोनेशिया के परिवहन मंत्रालय के अधिकारी हादी मुस्तफा ने कहा कि पायलट ने खराब मौसम के कारण विमान का मार्ग बदलने की अनुमति मांगी थी। यह भी बताया गया है कि विमान पहले 32 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था, लेकिन बादलों के कारण पायलट ने 38 हजार फीट की ऊंचाई पर उडऩे की इजाजत मांगी थी। हादी के हवाले से कहा गया कि विमान का संपर्क कलीमंतन और बेलितुंग द्वीप के बीच कहीं टूटा है।

    दुर्घटना की अपुष्ट खबरें

    मीडिया की अपुष्ट खबरों के अनुसार सुमात्रा के पूर्वी तट से दूर बेलितुंग के समुद्र में यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है, लेकिन दुर्घटना की सही जगह का पता नहीं चल सका है। हालांकि, मलेशिया के परिवहन मंत्री लियो तियोंग लाई ने इस खबर को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि विमान की खोज का काम जारी है और हमारी उम्मीदें अभी कायम हैं।

    खराब मौसम से खोज में बाधा

    इंडोनेशिया की राष्ट्रीय खोज एवं बचाव एजेंसी ने बताया कि विमान को तलाशने के लिए बचाव दल सहित एक जहाज बेलितुंग द्वीप के लिए रवाना किया गया है। हालांकि खराब मौसम से खोज के काम में बाधा आ रही है। रात होने के बाद तलाशने का काम रोक दिया गया। अब इसे सोमवार सुबह से और जोरशोर से शुरू किया जाएगा। एयर एशिया के बयान में कहा गया है कि खोज अभियान में कंपनी पूरा सहयोग कर रही है। इंडोनेशिया ने खोज में मदद देने का सिंगापुर का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।

    मलेशिया से जुड़ा तीसरा हादसा

    इस साल मलेशिया से जुड़ा यह तीसरा विमान हादसा है। इससे पहले मलेशियाई एयरलाइंस के दो विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं। एयर एशिया इंडोनेशिया का मालिकाना हक एयर एशिया मलेशिया के पास है।

    आठ मार्च 2014

    मलेशियाई एयरलाइंस की फ्लाइट 370 (एमएच370) ने कुआलालंपुर से चीन की राजधानी बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी। बोइंग 777-20 ईआर विमान में 15 देशों के 227 यात्री सवार थे। उड़ान के एक घंटे के बाद स्थानीय समय रात 1.21 बजे विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया था। विमानन इतिहास की सबसे बड़ी और महंगी खोज के बाद भी मलबा अभी तक नहीं मिला है।

    17 जुलाई 2014

    रूस की सीमा के पास युद्ध प्रभावित यूक्रेन में मलेशियाई एयरलाइंस के एक विमान एमएच-17 को मार गिराया गया, जिससे इसमें सवार सभी 298 लोगों की मौत हो गई। । मलेशियाई एयरलाइंस का विमान बोइंग 777 एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रहा था। उसमें 283 यात्री और चालक दल के 15 सदस्य मौजूद थे। यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस समर्थक विद्रोहियों पर विमान मार गिराने का आरोप लगाया था।

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