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मलबे से 272 शव बरामद, विशेषज्ञ कर रहे परीक्षण

हादसे का शिकार हुए मलेशियाई विमान एमएच17 के मलबे से शवों की बरामदगी जारी है। अब तक 272 शव बरामद किए जा चुके हैं और नीदरलैंड्स के फॉरेंसिक विशेषज्ञ शवों का परीक्षण कर रहे हैं।

By Edited By: Published: Mon, 21 Jul 2014 07:11 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jul 2014 11:50 PM (IST)

तोरेज (यूक्रेन)। हादसे का शिकार हुए मलेशियाई विमान एमएच17 के मलबे से शवों की बरामदगी जारी है। अब तक 272 शव बरामद किए जा चुके हैं और नीदरलैंड्स के फॉरेंसिक विशेषज्ञ शवों का परीक्षण कर रहे हैं।

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यूक्रेन के प्रधानमंत्री आर्सेनी यात्सेन्युक ने कहा कि मलबे से अब तक 272 शव बरामद किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 251 शवों को तोरेज स्टेशन पर रेफ्रिजरेटेड ट्रेन में रखा गया है और इन्हें नीदरलैंड्स को सौंपा जा सकता है। शव विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में हैं।

इस बीच विभिन्न देशों से विशेषज्ञ कीव पहुंच रहे हैं। सोमवार को जर्मनी के हवाई दुर्घटना जांच प्राधिकरण के दो सदस्य कीव पहुंचे। जांच अधिकारी दुर्घटनास्थल पर सुरक्षित पहुंच के प्रयास में हैं। वहीं नीदरलैंड्स के तीन जांच अधिकारी दोनेत्स्क पहुंच चुके हैं। हादसे के बाद से घटनास्थल पर पहुंचने वाला यह पहला अंतरराष्ट्रीय जांच दल है। यूरोप के ऑर्गनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एंड को-ऑपरेशन के अधिकारी विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में अप्रैल से ही मुआयना कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से जांच की अगुवाई पूर्व सैन्य अधिकारी एंगस होस्टन को सौंपी गई है। होस्टन ने ही रहस्यमयी तरीके से लापता हुए मलेशियाई विमान एमएच370 की खोज की अगुवाई की थी। विद्रोहियों का कहना है कि शवों से लदी ट्रेन को भेजने के लिए वे अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।

मलेशिया एयरलाइंस ने बदला रास्ता

मलेशिया एयरलाइंस ने रविवार को कुआलालंपुर से लंदन की उड़ान के लिए सीरिया के रास्ते का इस्तेमाल किया। एमएच17 के हादसे के बाद यूक्रेन के रास्ते का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है। इससे पहले शुक्रवार और शनिवार को पूर्वी तुर्की के रास्ते का इस्तेमाल किया गया था।

दोनेत्स्क में संघर्ष जारी, चार की मौत

दोनेत्स्क। सोमवार को विद्रोहियों की मजबूत पकड़ वाले क्षेत्र दोनेत्स्क के रेलवे स्टेशन के नजदीक हमला हुआ। हमले में चार की मौत हो गई। विद्रोहियों का कहना है कि क्षेत्र पर फिर कब्जा जमाने के प्रयास में यह सरकार की ओर से की गई कार्रवाई है। हालांकि कीव सरकार ने सैन्य हमले से इंकार किया है। सरकार का कहना है कि यह विद्रोहियों से संघर्ष कर रहे कुछ स्वनिर्मित छोटे संगठनों की ओर से किया गया।

ओबामा ने की पारदर्शी जांच की मांग

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने यूक्रेन में हुए मलेशियाई विमान हादसे की शीध्र पारदर्शी अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विमान हादसे का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए प्रयोग नहीं करने की अपील की है। उन्होंने अलगाववादियों से अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को दुर्घटनास्थल तक जाने देने की भी अपील की है। पुतिन ने कहा यदि 28 जून को पूर्वी यूक्रेन में दुबारा से लड़ाई नहीं शुरू हुई होती तो यह दुखद घटना नहीं हुई होती। किसी को भी इस घटना को अपने निजी फायदे के लिए नहीं प्रयोग करना चाहिए।

रूस पर दबाव बढ़ा

अभी यह पता नहीं चल सका है कि मलेशियाई विमान [फ्लाइट एमएच 17] को गलती से मार गिराया गया या इसे जान-बूझकर निशाना बनाया गया। इस बीच जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस ने पुतिन पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। इन देशों ने पुतिन से पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र में दुर्घटनास्थल तक अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं की पहुंच सुनिश्चित कराने की मांग की है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने विमान हादसे को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलां से फोन पर बात की है। उनके बीच इस बात पर सहमति बनी कि दुर्घटनास्थल तक जांचकर्ताओं को शीघ्र पहुंचने की अनुमति दी जाए और शवों को बरामद किया जाए। वहीं यूक्रेन के प्रधानमंत्री आर्सेनी यात्सेन्युक ने कहा है कि पुतिन को समझ लेना चाहिए कि अब बहुत हो गया। उन्होंने पूर्वी यूक्रेन में कीव के बलों से लड़ने वाले विद्रोहियों को हथियार सौंपने को लेकर पुतिन की आलोचना की।

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