कड़वा सचः पुलिस बिगाड़ रही कैराना के हालात, चौकियां जवानों से वीरान
भाजपा सांसदों ने आइजी से कहा कि वेस्ट यूपी में दर्जनों कैराना हैं। पुलिस ने ढिलाई की तो भाजपा अपने ढंग से निपटेगी। हालांकि यहां का सच बहुत कड़वा है, जब पुलिस होगी तब निपटेगी।
शामली (जेएनएन)। कैराना से पलायन का सच बहुत कड़वा है। पुलिस यहां के हालात बिगाड़ रही है। यहां पुलिस या कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। थाने चौकियां पुलिस के जवानों से खाली हैं। चाहे इमाम गेट पुलिस चौकी हो किला गेट सब वीरान हो चुकी हैं। यही हाल पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में देखा गया है। कैराना मसले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के बाद भाजपा के तेवर पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। आइजी जोन से मिलने पहुंचे भाजपा सांसदों ने साफ किया कि वेस्ट यूपी में दर्जनों कैराना हैं। पुलिस ने ढिलाई बरती तो भाजपा अपने ढंग से निपटेगी।
तस्वीरों में देखें-पश्चिम उत्तर प्रदेश के कैराना का कड़वा सच
पुलिस बिगाड़ रही हालात
कैराना में लचर कानून व्यवस्था और अपराध से निजात की सारी उम्मीदें दम तोड़ रही है। लोग शुरु से ही कहते रहे हैं कि पुलिस की लापरवाही से कैराना के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। जरायम पर लगाम लगाने के लिए पुलिस का कोई कदम ही नहीं उठता दिखाई दे रहा है। इसी साल जून में कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह द्वारा बड़े पैमाने पर हुए पलायन को सार्वजनिक करने के बाद मामला देश-विदेश में देर तक सुर्खियों में रहा था। तब भी पुलिस कठघरे में थी और साढ़े तीन महीने बाद भी हालात वैसे ही हैं। यहां तक कि सांसद द्वारा पुलिस को दिये गए पांच दिन के अल्टीमेटम में से तीन दिन बीत गए हैं लेकिन पुलिस ने न चाल बदली है और न ही चेहरा।
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दहशत घटने के बजाय बढ़ी
रंगदारी व अन्य जघन्य वारदातों से कैराना कराह रहा है। हाल ही में आधा दर्जन से अधिक लोगों को रंगदारी मांगने की चिट्ठी मिली है। कस्बे में आम नागरिक से लेकर व्यापारी तक सभी दहशत में सांस ले रहे हैं। आज दिन में दिन में जागरण टीम ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बाजार व चौराहे से लेकर सुरक्षा व्यवस्था का हाल जानने की कोशिश की तो वही सच सामने आ गया जो यहां की जनता लंबे अरसे से चीख चीख कर कहती रही है। मुख्य स्थानों से लेकर चौकियों पर हर जगह पुलिस नदारद थी। हां, पुलिस नजर आई तो सिर्फ उन व्यापारियों की दुकानों पर जिनसे रंगदारी मांगी गई है।
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आंखों देखा हाल
मुख्य चौक बाजार स्थित किलागेट पुलिस चौकी खाली थी। एक भी सिपाही दिखाई नहीं दिया। चौकी की सुरक्षा भी रामभरोसे थी। इसी तरह इमामगेट पुलिस चौकी भी सुनसान मिली। यहां भी कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आया। यह चौकी भी भगवान भरोसे लावारिस छोड़ दी गई। चौक बाजार चौराहा कस्बे के मुख्य बाजार का चौराहा है और यहां भीड़ रहती है। यहां भी कोई पुलिस वाला दूर तक नहीं था।
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बदतर हो गए हालात
सितंबर माह में किराना व्यापारी सचिन, चिकित्सक परिवार से विधवा आशफा, किसान धर्मकांटा संचालक गौरव चौहान, इलेक्ट्रिक व्यापारी राजकुमार सिंघल, किसान नरेशचंद व एक प्लाइवुड व्यापारी से एक के बाद एक रंगदारी मामलों से कैराना थर्राया हुआ है। अमेरिका से लौटकर सांसद हुकुम सिंह ने गत मंगलवार को सर्वसमाज की बैठक में जंगलराज को लेकर पुलिस-प्रशासन को पांच दिन का अल्टीमेटम देकर रंगदारी मामलों पर कोई हल निकालने को कहा था। ऐसा न होने पर व्यापारियों के साथ आंदोलन की चेतावनी दी थी। पर तीन दिन बाद भी पुलिस का रवैया सुनसान पड़ी चौकियां बयान कर रही हैं। रंगदारी के मामलों में भी पुलिस के कदम ठिठके हुए हैं। यही वजह है कि गुरुवार को भी सांसद को शामली में बैठक कर व्यापारियों से कानून व्यवस्था पर आवाज बुलंद करने को कहना पड़ा।
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आरोपी जल्द जेल जाएंगे
भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने कहा कि मेरे द्वारा दी गयी समय सीमा में पुलिस-प्रशासन ठोस कदम नहीं उठाता, तो मैं अपनी रूपरेखा के अनुसार कार्रवाई करूंगा। एसपी शामली विजय भूषण कैराना में कानून-व्यवस्था के लिए अपराधियों पर कार्रवाई चल रही है। कई शातिरों को जेल भेजा जा चुका है। हाल ही में शातिर अपराधी फुरकान के भाई-भतीजे को जेल भेजा गया है। फुरकान की तलाश में क्राइम ब्रांच समेत कई टीमें हैं। रंगदारी के मामलों में सभी आरोपियों को जल्द जेल भेजा जाएगा। कानून व्यवस्था बिगाडऩे का प्रयास करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
कठघरे में यूपी सरकार
भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने पार्टी प्रतिनिधिमंडल के साथ दोपहर चार बजे मेरठ आइजी अजय आनंद से मुलाकात कर उन्हें कैराना पर तमाम संस्थाओं की रिपोर्ट सौंपी। बताया कि कैराना में वर्ग विशेष के पलायन से साफ है कि अपराधियों की मंशा क्या है? कैराना, देवबंद से लेकर सहारनपुर में तमाम स्थानों पर रंगदारी, धमकी, वसूली, हत्या एवं छेड़छाड़ का सुनियोजित षडयंत्र चल रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ने पलायन की बात पर मुहर लगाकर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। आइजी जोन ने कहा कि अपराधियों की मंशा कामयाब होने नहीं दी जाएगी। दावा किया कि नौ में सात रंगदारी की घटनाओं का पुलिस खुलासा कर चुकी है। सहारनपुर सांसद राघव लखनपाल शर्मा ने भी आइजी जोन को देवबंद में हुई गोलीबारी एवं सरेआम लूट की घटना से अवगत कराया। कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में तमाम बाजारों में कैराना जैसे हालात हैं।
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कैराना पर क्यों न करें राजनीति
सर्किट हाउस में हुकुम सिंह ने कहा कि हमारा काम ही राजनीति करना और मुद्दों को संसद तक ले जाना है। विधानसभा चुनावों में कैराना को मुद्दा बनाने पर भाजपा सांसद ने कहा कि पार्टी की ऐसी कोई मंशा नहीं, लेकिन मामला सुलझा नहीं तो स्वाभाविक तौर पर उठेगा। कैराना प्रकरण पर विधायक संगीत सोम की स्वाभिमान यात्रा पर पार्टी के पीछे हटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उस वक्त माहौल बिगड़ सकता था, इसीलिए पदयात्रा रोकी गई। हुकुम ने कहा कि अपराधियों का जाति-धर्म नहीं होता, पर कैराना में ऐसा नहीं कह सकते। प्रतिनिधिमंडल में मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, बागपत के डा. सत्यपाल सिंह, नगीना के यशवंत, सहारनपुर के राघवलखन पाल, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, रवीन्द्र भड़ाना, गोपाल काली, शिवकुमार राणा, करुणेशनंदन गर्ग, जितेन्द्र सतवई, सतेन्द्र भराला, सोमेन्द्र तोमर, हरीश चौधरी, संदीप प्रधान एवं नीरज जटौली आदि शामिल रहे। शहर विधायक एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत शहर में मौजूद रहने के बावजूद नहीं पहुंचे। हालांकि उन्होंने सांसद हुकुम सिंह के प्रयास की सराहना की।
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कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर जारी रहेगा आंदोलन
शामली : भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने कहा कि कुछ राजनैतिक दल कैराना से पलायन प्रकरण को झुठलाने का प्रयास कर बयानबाजी कर रहे थे, लेकिन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया। कहा कि यह हमारा सतत मुद्दा है और कानून व्यवस्था सुधरने तक आंदोलन जारी रहेगा। आश्वासन दिया कि भाजपा की सरकार बनने पर पलायन कर गए लोगों की घर वापसी की जाएगी। गुरुवार रात को सर्वसमाज की बैठक में पहुंचे हुकुम ङ्क्षसह ने कहा कि यहां कश्मीर जैसे हालात हो गए हैं। हम अपने देश में सुरक्षित नहीं रहेंगे तो कहां रहेंगे। एनएचआरसी (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) की रिपोर्ट में खुरगान के कश्यप परिवार की महिला की हत्या हुई थी, उस मामले की जांच सीबीआइ से कराने को कहा है।