बाल कुकर्म कांड : जुल्फिकार देता था क्रिकेटर बनाने का झांसा, मोंगिया से कोचिंग का दावा
चंडीगढ़ में गरीब बच्चों का 'रहनुमा' बनकर उनका यौन शोषण करने व सीटी बनाने में फंसा जुल्फिकार खान उन्हें क्रिकेट बनाने का झांसा भी देता था। इसके लिए उसने पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया से कोचिंग भी दिलाई।
चंडीगढ़ : रद्दी बेचकर गरीब बच्चों को पढ़ाने की आड़ में उनका यौन शोषण करने वाले जुल्फिकार खान के राज एक के बाद सामने आ रहे हैं। बताया जाता है कि वह बच्चों को क्रिकेटर बनाने का झांसा भी देता था। इसके लिए उसने 'थियेटर एज क्रिकेट अकादमी' बना रखी थी और इसका चेयरमैन पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया को बनाया गया था। वहीं, मोंगिया ऐसी किसी अकादमी व उसका चेयनमैन होने की बात से साफ इंकार कर रहे हैं।
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कुकर्म और पॉस्को एक्ट के मामले में फंसे जुल्फिकार ने जब अपनी 'थियेटर एज'एनजीओ संस्था के जरिए गरीब बच्चों को क्रिकेटर बनाने का सपना दिखाया था तो वे काफी उत्साहित हुए थे। वर्ष 2012 में पूर्व क्रिेकेटर दिनेश मोंगिया को सेक्टर 24 के राजकीय स्कूल में गए थे तो जुल्फिकार ने उनके समक्ष एनजीओ के 15 गरीब बच्चों को ट्रेनिंग देने की आग्रह किया था।
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जिन बच्चों को ट्रेनिंग देने की बात कही गई थी , उन्हें चंडीगढ़ पुलिस की गली क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के साथ सप्ताह में तीन दिन मोंगिया के सेक्टर 10 क्रिकेट अकादमी में जाना शामिल था। सुबह के सत्र में स्कूल परिसर में ट्रेनिंग दिया जाना था।
'थियेटर एज' एनजीओ के बच्चेों को क्रिकेट के गुर सिखाते दिनेश मोंगिया। साथ में जुल्फिकार भी ख्ाड़ा है।
उधर, इस बार में मोंगिया से बात करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी कोई बात याद नहीं है। मोंगिया के मुताबिक उस समय सिर्फ तीन-चार दिनों की ही ट्रेनिंग दी गई थी, क्योंकि उन बच्चों को चंडीगढ़ पुलिस की टूर्नामेंट में हिस्सा लेना था। तब गरीब बच्चों को ट्रेनिंग देने का आग्रह किया गया था। उन्होंने इस बात से भी इंकार किया है कि संस्था के बच्चे उनकी अकादमी में ट्रेनिंग के लिए आते थे।
एनजीओ से प्रॉपर्टी के कागजात व नकदी बरामद
दूसरी ओर मंगलवर को पुलिस ने सेक्टर-24 सरकारी स्कूल स्थित थिएटर एज एनजीओ के कार्यालय में जांच पड़ताल की। पुलिस को वहां से आरोपी के नाम पर उसकी सेक्टर-25 की प्रॉपर्टी से संबंधित कई दस्तावेज मिले। सेक्टर-25 की प्रॉपर्टी की जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) आरोपी के नाम है। पुलिस को जांच में एनजीओ से करीब 35 से 40 हजार रूपये भी बरामद हुए हैं।
बरामद हुई अश्लील सीडी
एनजीओ के कार्यालय से मंगलवार को पुलिस को कई अश्लील सीडी भी मिली है। साफ है कि आरोपी हर जगह अश्लील सीडी अपने पास रखता था। पुलिस को जांच में कई प्रकार की रसीदें भी बरामद हुई हैं। इससे पूर्व आरोपी के सेक्टर-25 आवास में से पुलिस को अश्लील सीडी बरामद हुई थी।
थियेटर एज सील
जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की आड़ में खुले कुकर्म के गढ़ को सील बंद कर दिया है। जुल्फिकार जांच के दौरान यहां भी पुलिस को सफाई देता रहा, लेकिन पुलिस उसे एकतरफ खड़ा कर जांच में जुटी रही। पुलिस ने बताया कि मामले में आरोपी के खिलाफ कुछ और शिकायतें आने की संभावना है। इससे साथ ही आरोपी के साथ कुछ अन्य लोगों की भी मिलीभगत हो सकती है।
बेनामी प्रॉपर्टी का ख्ाुलासा
जुल्फिकार करीब दो दशक से गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त पढ़ाने के नाम पर शहर के लोगों को गुमराह कर उनसे हर महीने करीब दस लाख रूपये से अधिक की नगदी जुटा रहा था। उसने एनजीओ के नाम पर मिली आर्थिक मदद से अपनी बेनामी प्रॉपर्टी बनाई। आरोपी की शर्मनाक करतूत की फेहरिस्त यहीं नहीं थमती। उसे अकसर मलोया स्थित स्नेहालय में बैठा देखा जाता था, जिससे माना जा रहा है कि आरोपी वहां भी बच्चों पर गलत नजर रखता था।
अब सुबह की क्लास में पढ़ेंगे 50 मासूम
मासूमों से कुकर्म मामले में उलझे एनजीओ थिएटर एज के डायरेक्टर जुल्फिकार खान की गिरफ्तारी के चलते अब उसके स्टडी होम सेक्टर-24 में पढ़ने वाले करीबन 50 बच्चों को सरकारी स्कूल, सेक्टर-24 में सुबह की शिफ्ट में पढ़ाया जाएगा। चाइल्ड राइट्स कमीशन की चेयरमैन देवी सिरोही ने बताया कि उन्होंने गवर्नमेंट माडल हाई स्कूल सेक्टर -24 की प्रिंसिपल से बातचीत की ओर एनजीओ के होम में शाम को पढ़ने वाले विभिन्न कक्षा वर्ग के 50 बच्चों की पढ़ाई के बारे में चर्चा की।
गौरतलब हो कि ये बच्चे पहले थिएटर एज के सेक्टर-24 के स्कूल के कमरों में चलाए जा रहे स्टडी होम में शाम की शिफ्ट में पढ़ते थे। ये कमरे जुल्फिकार ने शिक्षा विभाग ने आवंटित नहीं कराए थे बल्कि इसपर कब्जा कर रखा था।
मांगा एनजीओ का रिपोर्ट कार्ड
यूटी प्रशासक के सलाहकार विजय कुमार देव ने समाज कल्याण विभाग से शहर में कार्य कर रही एनजीओ की गतिविधियों के बारे में रिपार्ट तलब की है। उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाओं में इस तरह की स्थितियां दुर्भाग्यपूर्ण हैं।