ओलंपिक में साक्षी की सफलता के पीछे इस किताब का भी था योगदान
साक्षी ने विदेशी लेखिका रॉन्डा बर्न की 'द सीक्रेट' का हिंदी संस्करण मोबाइल पर कई बार पढ़ा।
अरुण शर्मा, रोहतक। रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली देश की पहली महिला पहलवान साक्षी मलिक भी अन्य खिलाडि़यों की तरह सफलता पाने के लिए प्रेरणादाई किताब पढ़ने पर विश्वास करती हैं। साक्षी ने विदेशी लेखिका रॉन्डा बर्न की 'द सीक्रेट' का हिंदी संस्करण मोबाइल पर कई बार पढ़ा।
वह कहती हैं कि मैं खुद को सकारात्मक ऊर्जा देने वाली किताबें पढ़ती हूं। इसमें 'द सीक्रेट' को मैंने कई बार पढ़ा और उसके कवर पेज को भी देखती रहती थी। मैं नकारात्मक विचारों को खुद पर हावी होने से बचने के किताब में लिखी बातों का ¨चतन करती रहती हूं। साक्षी किताब का 'आइ विल विन' वाला फोटो घर में मां सुदेश को सौंपकर गई थी।
साक्षी कहती हैं कि मैं आस्तिक भी हूं और नास्तिक भी। इसकी वजह बताते हुए वह गंभीर हो जाती हैं। अपने पूर्वजों को भगवान और कर्म को ही पूजा मानती हैं। वह मुकाबले में दादा बदलूराम और दादी चंद्रकला का नाम लेकर उतरीं। हर दफा यही अहसास हुआ कि दादा-दादी मेरे साथ हैं। साक्षी 29 अगस्त को मिलने वाला देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न परिवार को समर्पित करेंगी।
फेसबुक पेज पर मांगे सुझाव
साक्षी ने प्रशंसकों से अपनी खूबियों और खामियों को लेकर फेसबुक पर सुझाव मांगे हैं। साथ ही 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक में शिरकत करने के लिए भी सुझाव मांगे। प्रशंसकों ने भी इसमें देर नहीं की और कई सुझाव दिए।
- साक्षी व सविता को हरियाणा गौरव अवॉर्ड
साक्षी मलिक को राह ग्रुप फाउंडेशन हरियाणा गौरव अवॉर्ड से सम्मानित करेगा। उन्हें यह हरियाणा प्रदेश में बेटियों की प्रेरणा स्त्रोत बनने पर दिया जाएगा। ग्रुप के राष्ट्रीय सलाहकार नवोदियन सुदेश चहल ने बताया कि उनके अलावा भारतीय महिला हॉकी टीम की गोलकीपर सविता पूनिया को भी यह पुरस्कार दिया जाएगा।