विश्व शतरंज चैंपियनशिप : आनंद के पास आखिरी मौका
विश्व शतरंज चैंंपियनशिप में अब केवल दो बाजियां खेली जानी बाकी हैं और पांच बार के विश्व चैंपियन भारतीय ग्र्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद पूरे एक अंक से पीछे चल रहे हैं। ऐसे में भारतीय खिलाड़ी के पास रविवार को खेली जाने वाली 11वीं बाजी को बचाकर खिताब की दौड़ में बने
सोच्चि। विश्व शतरंज चैंंपियनशिप में अब केवल दो बाजियां खेली जानी बाकी हैं और पांच बार के विश्व चैंपियन भारतीय ग्र्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद पूरे एक अंक से पीछे चल रहे हैं। ऐसे में भारतीय खिलाड़ी के पास रविवार को खेली जाने वाली 11वीं बाजी को बचाकर खिताब की दौड़ में बने रहने का आखिरी मौका होगा।
दस बाजियों के बाद आनंद के 4.5 अंक हैं और कार्लसन के 5.5 अंक हैं। क्योंकि अगली बाजी कार्लसन सफेद मोहरों से खेलेंगे, ऐसे में विशेषज्ञ मान रहे हैं कि आनंद की कोशिश मैच को ड्रॉ कराकर चैंपियनशिप को आखिरी बाजी तक खींचने की होगी। 12वीं बाजी में सफेद मोहरे आनंद के पास होंगे और कार्लसन पर खिताब बचाने के लिए ड्रॉ कराने का दबाव होगा। सबसे पहले 6.5 अंक हासिल करने वाला खिलाड़ी विजेता घोषित किया जाएगा। यदि निर्धारित 12 बाजियों के बाद दोनों खिलाड़ी 6-6 अंक से बराबर रहे तो टाईब्रेकर के जरिये विजेता का फैसला होगा।
एक सच्चाई यह भी है कि हर खत्म होती बाजी के साथ आनंद के हाथ से समय भी रेत की तरह फिसलता जा रहा है। पहली पांच बाजियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले आनंद छठी बाजी में अच्छी स्थिति में होने के बावजूद हार गए। कार्लसन ने उस बाजी में बड़ी भूल की थी, लेकिन आनंद उसे पकड़ नहीं पाए। उस मुकाबले के बाद से कार्लसन जीत के लिए कोई खास जोर नहीं लगा रहे हैं। पिछली चार बाजियां ड्रॉ पर छूटी हैं।
आनंद के लिए अच्छी खबर यह है कि कार्लसन पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक दमदार नहीं दिख रहे हैं। पिछले साल चेन्नई में वह काफी मजबूत साबित हुए थे और उन्होंने आनंद को आसानी से हरा दिया था। इस बार कार्लसन अजेय नहीं हैं और वह काफी गलतियां कर रहे हैं। वह केवल इसलिए आनंद से आगे हैं क्योंकि भारतीय खिलाड़ी उनसे अधिक गलतियां कर रहे हैं। यदि आनंद इस कमजोरी से पार पा लें तो छठी बार विश्व चैंपियन बनने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता।