मंत्रालय और कुश्ती संघ में तालमेल नहीं
जब देश में डोपिंग को लेकर मामला गरमाया हुआ है, उस समय भी खेल मंत्रालय और भारतीय कुश्ती संघ में तालमेल की कमी साफ नजर आ रही है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। जब देश में डोपिंग को लेकर मामला गरमाया हुआ है, उस समय भी खेल मंत्रालय और भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआइ) में तालमेल की कमी साफ नजर आ रही है।
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डब्ल्यूएफआइ ने डोप में फंसे नरसिंह यादव की जगह 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के लिए प्रवीण राणा का नाम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) को भेजा था और उसको वहां से अनुमति भी मिल गई थी। यही नहीं, यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने डब्ल्यूएफआइ से रियो ओलंपिक आयोजन समिति से अनुमति लेने को कहा था जो उसने भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के जरिये मंगलवार को ही ले ली थी। लेकिन ऐसा लगता है कि डब्लयूएफआइ ने इसकी जानकारी आधिकारिक रूप से केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल को नहीं दी।
यही कारण है कि जब पत्रकारों ने उनसे प्रवीण को भेजे जाने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अगर एंटी डोपिंग पैनल ने किसी खिलाड़ी को शुरुआती तौर पर निलंबित कर दिया है और आखिरी रिपोर्ट आ चुकी है, तो ऐसी स्थिति में किसी खिलाड़ी का स्थानापन्न नहीं भेजा जा सकता। गोयल ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अगर मूल खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल हो गया है तो उसकी जगह किसी और को दी जा सकती है। मैंने अपनी राय नियमों के दायरे में रखी है, इसके बावजूद अगर कोई खिलाड़ी बिना इजाजत जाता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।
गोयल के बयान पर जब डब्ल्यूएफआइ अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह से सवाल किए तो उन्होंने कहा कि प्रवीण ओलंपिक जाएंगे और रियो ओलंपिक आयोजन समिति ने उसकी अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि खेल मंत्री बयान देने से पहले अगर मुझसे बात कर लेते तो ठीक होता।