भारतीय महिला मुक्केबाज सोनिया लाठर इतिहास रचने से एक कदम दूर
सोनिया लाठर एआइबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत के छह साल के स्वर्ण पदक के सूखे को खत्म करने व इतिहास रचने से महज एक कदम दूर हैं। सोनिया ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को 57 किलोग्राम भार वर्ग में कजाखिस्तान की आइजहान को खोजाबेकोवा को हराकर फाइनल
अस्ताना, प्रेट्र। सोनिया लाठर एआइबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत के छह साल के स्वर्ण पदक के सूखे को खत्म करने व इतिहास रचने से महज एक कदम दूर हैं। सोनिया ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को 57 किलोग्राम भार वर्ग में कजाखिस्तान की आइजहान को खोजाबेकोवा को हराकर फाइनल में जगह बनाई।
24 वर्षीय सोनिया ने खोजाबेकोवा को एकतरफा अंदाज में 3-0 से हराया। खिताबी मुकाबले में उनकी भिड़ंत इटली की एलेसिाय मेसियानो से होगी। जिन्होंने सेमीफाइनल में बुल्गारिया की मुक्केबाज डेनित्सा एलिसीवा को मात दी। टूर्नामेंट में सोनिया भारत की एकमात्र उम्मीद बची थीं। भारतीय मुक्केबाज मुकाबले में पूरी तरह से हावी रहीं। सोनिया के मुक्कों का जवाब कजाख मुक्केबाज के पास नहीं था। आखिरी में जजों ने सोनिया को सर्वसम्मति से विजेता घोषित किया।
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विश्व चैंपियनशिप में भारत ने आखिरी बार 2010 में स्वर्ण जीता था। जब एमसी मैरी कॉम ने 48 किलोग्राम में पीला तमगा हासिल किया था। 2014 में दक्षिण कोरिया में हुई विश्व चैंपियनशिप में भारत को दो रजत पदक मिले थे।
सोनिया को छोड़कर अन्य मुक्केबाजों का इस बार टूर्नामेंट में प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। ओलंपिक भार वर्ग (51, 60, और 75) में भारत का कोई भी मुक्केबाज रियो के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका। 51 किलोग्राम में एमसी मैरी कॉम और 60 किग्रा में एल सरिता देवी ने चुनौती पेश की थी।