दिलाया ओलंपिक में रिकॉर्ड 12वां कोटा लेकिन अब भी है नौकरी का इंतजार
एशिया ओलंपिक क्वालीफाइंग निशानेबाजी स्पर्धा में लगातार तीन दिन हाथ लगी मायूसी के बाद मंगलवार को भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। ब्राजील में इस साल होने वाले रियो ओलंपिक के लिए संजीव राजपूत ने भारत को रिकॉर्ड 12वां कोटा दिलाया लेकिन हैरत की बात ये है कि
नई दिल्ली। एशिया ओलंपिक क्वालीफाइंग निशानेबाजी स्पर्धा में लगातार तीन दिन हाथ लगी मायूसी के बाद मंगलवार को भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। ब्राजील में इस साल होने वाले रियो ओलंपिक के लिए संजीव राजपूत ने भारत को रिकॉर्ड 12वां कोटा दिलाया लेकिन हैरत की बात ये है कि कई बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का नाम रोशन करने वाले इस निशानेबाज को अब भी नौकरी की तलाश है। हरियाणा सरकार ने उनसे वादा तो किया था लेकिन अब भी स्थिति वही की वही है।
- क्या है मामलाः
दरअसल, 2014 में जब भारतीय नौसेना में कार्यरत संजीव का कार्यकाल वहां समाप्त हो गया तब हरियाणा सरकार ने उनको नौकरी देने का वादा किया था। 35 वर्षीय राजपूत हरियाणा के जगाधिरी से आते हैं और वो 18 की उम्र में भारतीय नौसेना में शामिल हो गए थे। ओलंपिक कोटा हासिल करने की अपनी मौजूदा सफलता के अलावा इससे पहले वो कई बड़ी प्रतियोगिताओं में भारत का नाम रोशन कर चुके हैं जिसमें 2011 में चीन के चांगवन में हुआ आइएसएसएफ विश्व कप भी शामिल है जहां उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।
- संजीव की जुबानीः
संजीव ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, 'जब मैंने 2014 में नौसेना छोड़ी थी तो मुझे नौकरी का वादा किया गया था (ये हरियणा में पुलिस इंस्पेक्टर का पद था)। मुझे अपॉइंटमेंट लेटर भी दिया गया था लेकिन जब वहां पहुंचा तो कुछ काम न आया। उन्होंने मुझसे कहा कि नई सरकार ने स्टे ऑर्डर जारी कर दिया है। मैंने कई बार प्रयास किया।' वैसे संजीव अपनी सफलताओं को देखते हुए डीएसपी के पद की उम्मीद कर रहे थे लेकिन जिस पद का उनको वादा किया गया था, वो भी उनको न मिल सका। इस दौरान उनकी बंदूक का बैरल भी टूटा और कई बार उपकरण भी बदलने पड़े। वो एक अजीब स्थिति में फंसे थे लेकिन उन्होंने हिम्मत न हारते हुए 2016 ओलंपिक में भारत को रिकॉर्ड 12वां कोटा हासिल कराया है।
- रियो 2016 में रिकॉर्ड 12वां कोटाः
कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चल रही स्पर्धा के सातवें और अंतिम दिन 35 वर्षीय संजीव ने 50 मीटर रायफल थ्री पोजीशन में चौथा स्थान हासिल किया। उन्होंने फाइनल में 429.5 का स्कोर किया। इससे पहले संजीव ने 1163 का स्कोर कर फाइनल में जगह बनाई थी। संजीव की इस सफलता के बाद भारत अब अगस्त में होने वाले रियो ओलंपिक में अपने 12 निशानेबाजों को भेज सकेगा। यह पहला मौका है, जब 12 भारतीय निशानेबाज खेलों के महाकुंभ में शिरकत करेंगे। 2012 लंदन ओलंपिक में भारत के 11 निशानेबाजों ने देश का प्रतिनिधित्व किया था। पुरुषों की स्कीट स्पर्धा में अंगद वीर सिंह बजवा निराश करते हुए ओलंपिक कोटा हासिल करने में असफल रहे। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआइ) के अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने देश की झोली में एक और कोटा आने पर खुशी जताते हुए कहा, 'मैं एक कोटा मिलने से काफी खुश हूं। नजदीकी अंतर से हम कई कोटा पाने से चूक गए। खिलाडि़यों के खेल और कोच के परफॉर्मेस की समीक्षा की जाएगी।'