हॉकी के शहंशाह मुहम्मद शाहिद को सिपुर्दे खाक किया गया
मुहम्मद शाहिद के निधन के एक दिन बाद गुरुवार को राज्यसभा सदस्यों ने सरकार से उनके परिवार को हर संभव मदद प्रदान करने की मांग उठाई।
नई दिल्ली। मुहम्मद शाहिद के निधन के एक दिन बाद गुरुवार को राज्यसभा सदस्यों ने सरकार से उनके परिवार को हर संभव मदद प्रदान करने की मांग उठाई। शून्य काल के दौरान राज्य सभा में बीजू जनता दल (बीजेडी) सांसद दिलीप टिर्की ने कहा कि डिबलिंग के माहिर शाहिद कई हॉकी खिलाड़ी के आदर्श थे और उनके योगदान ने भारतीय खेल को पहचान दिलाई।
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान टिर्की ने कहा, ‘क्रिकेट को छोड़कर हम अपने खेलों के सितारों को भूलते जा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि शाहिद के परिवार को किसी परेशानी का सामना नहीं करना चाहिए और सरकार को उनके लिए मदद उपलब्ध करानी चाहिए।
धर्म और जाति की सीमाएं तोड़ते हुए गुरुवार को पूरा बनारस अपनी आंखों के तारे हॉकी के शहंशाह मुहम्मद शाहिद की अंतिम यात्रा में उनके साथ था। गुरुवार दोपहर लगभग एक बजे खजुरी स्थित आवास से तिरंगे में लिपटा उनका जनाजा टकटकपुर के पुश्तैनी कब्रिस्तान के लिए चला तो उसमें धीरे-धीरे लोग शामिल होते गए।
पुलिस लाइन स्थित दायम खां की मस्जिद के पास हाफिज नूर आलम ने जनाजे की नमाज अदा कराई। रास्ते के दोनों ओर खड़े लोगों का हुजूम उन्हें नम आंखों से विदाई देता रहा। जिसे मौका मिला वो जनाजे को कंधा भी देता रहा। कब्रिस्तान तक हजारों लोग जनाजे के पीछे आ चुके थे। दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे उन्हें सिपुर्दे खाक किया गया।