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पुलिस का खेल, फुटबाल संघ के महासचिव को जमानत

मेरठ की महिला खिलाड़ी से छेड़छाड़ के मामले में कैंट पुलिस की ओर से धारा बदलने पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। हालांकि इस मामले में सीजेएम ने आरोपी उत्तरप्रदेश फुटबाल संघ के अवैतनिक महासचिव शमसुद्दीन को जमानत दे दी लेकिन उन्होंने पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए और इस मामले की

By Edited By: Published: Thu, 24 Apr 2014 09:18 AM (IST)Updated: Thu, 24 Apr 2014 09:27 AM (IST)

जागरण संवाददाता, वाराणसी। मेरठ की महिला खिलाड़ी से छेड़छाड़ के मामले में कैंट पुलिस की ओर से धारा बदलने पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। हालांकि इस मामले में सीजेएम ने आरोपी उत्तरप्रदेश फुटबाल संघ के अवैतनिक महासचिव शमसुद्दीन को जमानत दे दी लेकिन उन्होंने पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए और इस मामले की जांच कराने के लिए आदेश की एक प्रतिलिपि जोन के पुलिस महानिरीक्षक को प्रेषित किए जाने को कहा।

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महिला खिलाड़ी संग हुए छेड़खानी के मामले में गिरफ्तार आरोपी को पुलिस ने सीजेएम की अदालत में पेश किया। विवेचक द्वारा 14 दिन के रिमांड की अपील की गई। एफआइआर में पीड़िता की ओर से दी गई तहरीर में लिखा गया है कि महासचिव ने बुलाकर कमरा बंद कर दिया और उससे अश्लील बातें व दु‌र्व्यवहार करने की कोशिश की। इस तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई जबकि अभियोजन अधिकारी द्वारा बहस के दौरान स्वीकार किया गया कि तहरीर में एक धारा अपराध के संबंध में आवश्यक तथ्य नहीं था।

क्यों बदली धारा : दरअसल बुधवार को जब आरोपी को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया तो आरोपी ने जमानत की अर्जी दी थी। अर्जी के बाद जब कोर्ट ने पड़ताल की तो पता चला कि पुलिस ने आरोपी को जिस धारा में पकड़ा था उसे बदल कर दूसरी धारा में तब्दील कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जब अपराध बन रहा था तो प्रथम सूचना रिपोर्ट में क्यों पंजीकृत की गई। इस आशय पर कोर्ट ने पुलिस ने जवाब तलब करते हुए आइजी को मामले की जांच को कहा है और मो. शमसुद्दीन को जमानत दे दी है।

उप्र महिला आयोग करेगा पूरे मामले की जांच

प्रदेश की महिला फुटबाल खिलाड़ियों को पूरा न्याय मिलेगा। यह कहना है उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुमन यादव का। उन्होंने बुधवार को महिला खिलाड़ियों से स्विमिंग पुल के अतिथि कक्ष में मुलाकात की और उनसे कहा कि महिला आयोग की संज्ञान में यह मामला आ गया है और पूरे मामले की अपने स्तर पर जांच करेंगी। उन्होंने कहा कि वह भयभीत न हो और उनके साथ पूरा न्याय किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन शकील अहमद बबलू ने क्षेत्रीय खेल कार्यालय में प्रभारी आरएसओ एसएस मिश्रा के साथ खिलाड़ियों से मुलाकात की और उनसे उनकी दिक्कतों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने महिला फुटबालरों से कहा कि वह भी राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर रहे हैं इस वजह से वह उनकी परेशानियों को अच्छी तरह से समझ रहे हैं। इस संबंध में लखनऊ में मंत्री स्तर पर वार्ता चल रही है। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शाम को महिला फुटबालरों ने प्रशिक्षक चंदन सिंह की देखरेख में अभ्यास सत्र में हिस्सा लिया।

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