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रच दिया नया इतिहासः ये वो जोश है जो थमने का नाम नहीं लेता

बहुत से खिलाड़ी आते हैं-जाते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही होते हैं जो लंबे समय तक ठहरते हैं और सदा के लिए दिलों में बस जाते हैं। भारत में बेशक क्रिकेट का बोलबाला है और क्रिकेटरों को मैदान के भगवान के तौर पर देखा जाता हैं लेकिन इस विशाल

By ShivamEdited By: Published: Thu, 28 May 2015 11:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 11:59 AM (IST)

(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। बहुत से खिलाड़ी आते हैं-जाते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही होते हैं जो लंबे समय तक ठहरते हैं और सदा के लिए दिलों में बस जाते हैं। भारत में बेशक क्रिकेट का बोलबाला है और क्रिकेटरों को मैदान के भगवान के तौर पर देखा जाता हैं लेकिन इस विशाल देश में कुछ ऐसी भी प्रतिभाएं हैं जो अपने पीछे आती भीड़ के मोहताज नहीं, उनकी सफलताएं स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो चुकी हैं। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं 41 वर्षीय लिएंडर पेस जिन्होंने इस उम्र में एक नया इतिहास रच डाला है।

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- महानतम खिलाड़ी की महान सफलताः

बुधवार को फ्रेंच ओपन में लिएंडर पेस ने एक नया इतिहास रचा। उन्होंने अपने जोड़ीदार डेनियल नेस्टर के साथ टूर्नामेंट के पहले राउंड का मुकाबला जीता, जिसके साथ ही पेस ने अपने करियर में पुरुषों के डबल्स का 700वां मुकाबला जीतकर इतिहास रच दिया। जाहिर है कि वो ऐसा करने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं लेकिन इसके साथ ही वो ऐसा करने वाले टेनिस इतिहास के आठवें खिलाड़ी भी बन चुके हैं। पेस के मौजूदा जोड़ीदार डेनियल नेस्टर उनके करियर के 99वें जोड़ीदार हैं। दोनों ने पहले राउंड के इस मैच में क्रिस और डकवर्थ की ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी को 6-2, 5-7, 7-5 से मात दी। आपको बता दें कि पुरुष डबल्स में सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड पेस के जोड़ीदार डेनियल नेस्टर के नाम पर ही है। नेस्टर ने अब तक 972 मुकाबले जीते हैं।

- नहीं थकूंगा मैं, नहीं थमूंगा मैंः

बेशक आज लिएंडर पेस की उम्र देखकर सब ये कहते हों कि अब उनके संन्यास का समय आ गया है लेकिन समय-समय पर वो अपनी सफलताओं से आलोचकों के मुंह बंद कर देते हैं। पेस ने अपनी 700वीं जीत के बाद साफ कर दिया ये सफलताएं उन्हें आगे बढ़ते रहने का हौसला देती हैं और अब उनका अगला लक्ष्य 800वीं जीत है।

- शैंपेन के साथ मनाया जश्नः

मैच में जब ये तकरीबन निश्चित हो गया था कि ये मैच पेस-नेस्टर की जोड़ी ही जीतने वाली है। तब अचानक कोर्ट पर एक ट्रॉली आई जिस पर शैंपेन रखी हुई थी। दरअसल, एटीपी खिलाड़ियों की बड़ी सफलताओं के मौके पर कोर्ट के ऊपर ही केक काटकर जश्न मनाने का मौका देता है लेकिन पेस ने इस परंपरा को बदलने का फैसला लिया। जब आयोजकों ने उन्हें बताया था कि वो केक काटकर उनकी सफलता मनाने वाले हैं तो इस पर पेस ने कह दिया था कि 'इस बार केक नहीं'। फिर क्या था, आयोजकों ने केक की जगह शैंपेन को दे दी, जो एक अनोखा नजारा था।

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