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कपिल पर बरसे बत्रा, जवाब आया 'कौन हैं बत्रा?'

खेल मंत्रालय के अधिकारियों और हॉकी इंडिया के महासचिव नरेंद्र बत्रा के बीच चल रही लड़ाई अब बत्रा बनाम कपिल देव हो गई है। बत्रा

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 09:45 AM (IST)
कपिल पर बरसे बत्रा, जवाब आया 'कौन हैं बत्रा?'

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। खेल मंत्रालय के अधिकारियों और हॉकी इंडिया के महासचिव नरेंद्र बत्रा के बीच चल रही लड़ाई अब बत्रा बनाम कपिल देव हो गई है। बत्रा पहले ही 2013-14 के अर्जुन अवॉर्ड के लिए हुई 15 नामों की सिफारिश पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के डायरेक्टर जनरल जीजी थॉमसन केरल के हैं इसीलिए इस बार केरल के पांच खिलाडिय़ों को अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना गया है।

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इसको लेकर इस समिति की मंगलवार को दोबारा बैठक हुई और इसी के बाद एक सवाल पर समिति के अध्यक्ष कपिल देव ने कहा कि कौन है नरेंद्र बत्रा। कपिल के इस बयान के बाद बत्रा का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। उन्होंने साइ के डायरेक्टर जनरल और समिति के सदस्य थॉमसन को ई मेल करके कपिल देव की जमकर आलोचना की है। उन्होंने नई दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के पुनर्निर्माण के समय हाईमास्ट लाइट्स के ठेके में कपिल की कंपनी देव मस्को की सिफारिश न करने, 2013 में हुई हॉकी इंडिया लीग में देव मस्को को लाइट का ठेका नहीं देने का जिक्र करते हुए कहा कि यह वही कपिल देव हैं जो अब कह रहे हैं कौन बत्रा। हॉकी इंडिया के महासचिव ने कहा कि कपिल ने कई बार अपनी कंपनी के कामों के लिए मुझसे सिफारिश करने को कहा, लेकिन मैंने मना कर दिया। अब वही कपिल मुझे जानने से इन्कार कर रहे हैं।

- अंक एक समान पर चयन टिंटू काः

पंजाब की महिला चक्का फेंक एथलीट हरवंत कौर और केरल की महिला धाविका टिंटू लुका के एक समान 27-27 अंक थे, लेकिन अर्जुन अवॉर्ड के लिए चयन हुआ लुका का। बत्रा ने थॉमसन को ई मेल में लिखा है कि एक बार फिर केरल को फायदा हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कपिल देव के नेतृत्व वाली चयन समिति ने वही किया जो साइ और खेल मंत्रालय के अधिकारी चाहते थे। उन्होंने कहा गरीब एथलीट का नुकसान हो रहा है और जो पहले से ही मजबूत हैं उन्हें इनाम दिए जा रहे हैं। हर बात पर राष्ट्रीय खेल संघों और भारतीय ओलंपिक संघ को बदनाम किया जाता है, लेकिन इस मामले में तो खेल मंत्रालय, साइ और एलीट एथलीट शामिल हैं। यह बहुत ही शर्मनाक है।

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