फुटबॉल के हीरो को डकैतों ने उतारा मौत के घाट
राजकीय इंटर कॉलेज के अहिंसा मंच पर हुई हिंसा ने राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर इकबाल को भी मौत की नींद सुला दिया। कॉलेज के चौकीदार के इस होनहार बेटे की पहचान हत्या के चौबीस घंटे बाद हुई। डकैतों का शिकार बने फुटबॉलर इकबाल को सोमवार को सुपुर्दे खाक किए जाने के बाद खेल प्रेमियों न
जागरण संवाददाता, एटा। राजकीय इंटर कॉलेज के अहिंसा मंच पर हुई हिंसा ने राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर इकबाल को भी मौत की नींद सुला दिया। कॉलेज के चौकीदार के इस होनहार बेटे की पहचान हत्या के चौबीस घंटे बाद हुई। डकैतों का शिकार बने फुटबॉलर इकबाल को सोमवार को सुपुर्दे खाक किए जाने के बाद खेल प्रेमियों ने कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी।
शनिवार आधी रात को कॉलेज के चौकीदार कल्लू खां के स्टॉफ कालोनी स्थित घर में डकैती हुई थी। बदमाशों ने घर के बाहर अहिंसा मंच के चबुतरे पर सो रहे चौकीदार के 23 वर्षीय बेटे इकबाल और साढ़ू मजीद की हत्या कर दी थी। वारदात के बाद बदहवास पिता अपने बेटे इकबाल के हुनर के बारे में भी किसी को नहीं बता सका था। सोमवार को वारदात की खबर लगने के बाद बड़ी संख्या में लोग कल्लू खां के घर पहुंचे और दुख जताया। खेल प्रेमियों का कहना था कि इकबाल जिले में फुटबॉल का हीरो थे। इकबाल अंडर 19 की नेशनल टीम में खेले थे। इससे पहले अंडर 16 में भी इस होनहार खिलाड़ी ने दक्षिणी राज्यों में जौहर दिखाए थे। इकबाल ने कई पदक जीते थे। जिला फुटबाल संघ ने इकबॉल की हत्या पर आयोजित शोक सभा में परिवार को पांच लाख के मुआवजे और हत्यारों को कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग उठाई। शाम को खिलाड़ियों ने कैंडल मार्च निकाला और इकबाल को श्रद्धांजलि दी। फुटबाल संघ के अध्यक्ष राजीव यादव ने कहा कि अगर डकैतों को जल्दी नहीं पकड़ा गया, तो खिलाड़ी सड़क पर उतरेंगे।