खलनायक बनना चाहते हैं स्टीफन हॉकिंग
मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की महत्वकांक्षा ब्रह्मांड के बारे में कोई नई थ्योरी विकसित करने की नहीं बल्कि जेम्स बॉन्ड सीरीज के फिल्म का विलेन बनने की है।
मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की महत्वकांक्षा ब्रह्मांड के बारे में कोई नई थ्योरी विकसित करने की नहीं बल्कि जेम्स बॉन्ड सीरीज के फिल्म का विलेन बनने की है।
एक पत्रिका को दिए अपने इंटरव्यू में डॉ. हॉकिंग ने कहा है कि, मैं सोचता हूं की व्हील चेयर और कंप्यूटर की मशीनी आवाज इस भूमिका के लिए फिट बैठेगी। 72 वर्षीय यह खगोल वैज्ञानिक इस पत्रिका के जनवरी 2015 अंक के कवर पृष्ट पर दिखाई देंगे।
गौरतलब है कि हॉकिंग एम्योट्रॉपिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) नामक एक लाइलाज बीमारी से पीडि़त हैं जिसके कारण उनके शरीर के गर्दन के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त है और वे चलने-फिरने के लिए व्हिलचेयर पर निर्भर हैं। 1997 से वे बोलने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करते आ रहें हैं जिसे वे अपने गालों की मांसपेशियों द्वारा संचालित करते हैं।
अपने ताजा इंटरव्यू में हॉकिंग ने बताया कि उनकी असली आवाज इतनी अस्पष्ट हो गई थी कि उन्हें बोलने के लिए कंप्यूटर का सहारा लेना पड़ा ताकि लोगों तक वे अपनी बात स्पष्ट रूप में पहुंचा सकें।
स्टीफन हॉकिंग का कहना है कि स्पीच सिंथेसाईजर की आवाज अब उनकी ट्रेड मार्क हो चुकी है और वे इसे बदलना नहीं चाहते।
स्टीफन हॉकिंग को उनका मन चाहा रोल मिलता है या नहीं यह जानने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा क्योंकि अगली बॉन्ड फिल्म की शूटिंग जल्द ही शुरू होने जा रही है।