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यहां परंपरा के नाम पर की जाती है बुजुर्र्गों की हत्या

कुछ परंपराये तो ऐसी है जिनके बारे में सुनकर ही हम हैरान हो जाते है। एक ऐसी ही परंपरा है तमिलनाडु में मनायी जानी वाली ठलाईकूठल। जिसके बारे में सुनकर आपकी भी रूह कांप जायेगी आइये जानते हैं इस परंपरा के बारे में।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 11:41 AM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2016 10:12 AM (IST)

अजीबोगरीब परंपराओ से भरी पड़ी है ये दुनिया। कुछ परंपराये तो ऐसी है जिनके बारे में सुनकर ही हम हैरान हो जाते है। एक ऐसी ही परंपरा है तमिलनाडु में मनायी जानी वाली ठलाईकूठल। जिसके बारे में सुनकर आपकी भी रूह कांप जायेगी आइये जानते हैं इस परंपरा के बारे में।

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इस परंपरा के तहत तमिलनाडु के लोग बुजुर्गों को अपने हाथों से मार डालते हैं। इस दौरान गांव के अन्य लोग भी यहां मौजूद होते हैं। इस परंपरा पर बैन भी लग चुका है लेकिन इसके बावजूद लोग इस परंपरा को निभा रहे हैं।

यहां हत्या का ये रूप समाज की नजरों में है अलविदा कहने का एक सम्मानजनक तरीका माना जाता है। इसके तहत जो परिवार बुजुर्गों की सेवा नहीं कर पाता वो इस परंपरा के नाम पर उनकी हत्या कर देता है। कभी-कभी तो बुजुर्ग खुद ऐसा करने को कहते हैं। हालांकि, जब ये परंपरा निभाई जाती है, तब ध्यान रखा जाता है किपुलिस को इसकी भनक भी न लगे।

ये परंपरा उस समय निभायी जाती है जब-

-किसी बुजुर्ग को को लाइलाज बीमारी हो।

-गरीबी की वजह से किसी बुजुर्ग का इलाज न करवाया जा सके।

- किसी के पास बुजुर्ग की सेवा करने का समय न हो।

- जब बुजुर्ग परिवार वालों को बोझ लगने लगे।

परंपरा के तहत बुजुर्ग को विभिन्न प्रकार के जानलेवा तरीकों का उपयोग कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है।

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