यहां सड़कों पर लोग खोजते हैं सोना
रात के दो बजे हैं और झांसी की इस सड़क पर कुछ स्वीपर्स हाथों में झाड़ू लिए आहिस्ते-आहिस्ते सड़क को बहार रहे हैं। इनके पास छोटे-छोटे ब्रश भी हैं जिससे वे बड़ी ही बारीकी से सड़कों को साफ करते हैं। बेशक इन स्वीपर्स का मकसद सड़क को साफ करना है
रात के दो बजे हैं और झांसी की इस सड़क पर कुछ स्वीपर्स हाथों में झाड़ू लिए आहिस्ते-आहिस्ते सड़क को बहार रहे हैं। इनके पास छोटे-छोटे ब्रश भी हैं जिससे वे बड़ी ही बारीकी से सड़कों को साफ करते हैं। बेशक इन स्वीपर्स का मकसद सड़क को साफ करना है पर उनका एक और मकसद है। वे सड़क की सफाई के साथ यहां सोना खोजते हैं।
सोने की तलाश में ये लोग न सिर्फ सड़कों को बल्कि सीवर लाइन सहित कई अन्य जगहों पर बारीकी से सफाई करते हैं। इस सड़क के आस-पास ज्वैलर्स की कई दुकाने हैं और हर रोज रात दो बजे से ही इन दुकानों के आस-पास सोने-चांदी की तलाश करना यहां की परंपरा बन गई है। इस खोज में लगे लोगों को सोने-चांदी के अलावा नोट और सिक्के मिलने की भी उम्मीद होती है।
यहां के स्वीपर्स इस खोज में एक दूसरे की मदद करते हैं और दुकानदार भी इसे बेहद सहजता से लेते हैं। गौरतलब है कि इस मेहनत के फलस्वरुप हर आदमी को हर रोज करीब 250 रूपए का फायदा होता है। इन लोगों को जो सोना मिलता है वे यहां के ज्वैलर्स को बेच देते हैं। इस काम में जुटे लोग बताते हैं कि उन्हें हर महीने 1000-4000 रुपए तक का सोना मिल जाता है।