यहां सुहागनों के डंडे खाने पर कुंवारों को मिलती है दुल्हन
राजस्थान के इस गांव में भी एकप्रथा वर्षों से प्रचलन में है। ये प्रथा शादी से जुड़ी होने के कारण अत्यंत रोचक भी है।
प्रथायें किसी क्षेत्र विशेष के लोगों की वो आदतें होती है जो वर्षों से उनके व्यवहार का हिस्सा होती हैं। ये व्यवहार दैनिक हो सकता है अथवा अवसर-विशेष। राजस्थान के इस गांव में भी एकप्रथा वर्षों से प्रचलन में है। ये प्रथा शादी से जुड़ी होने के कारण अत्यंत रोचक भी है। करीब दस दशकों से कायम यह प्रथा ऐसी है जिसमें लड़कियां लड़कों को डंडे मारती है। इससे बचने के लिये लड़के भागते हैं। इस बीच जिस लड़के
को डंडा छू जाता है उसका विवाह शीघ्र हो जाता है।
ये सुहागन महिलायें मध्य रात्रि में हाथ में बेंत अथवा डंडा फटकारते और गीत गाती हुई चलतीं हैं। डंडा फटकारने का आशय पुरूषों को सावधान करने से है।
राह में पुरूष दिखते ही महिलायें उन पर बेंत अथवा डंडे फेंकती है। कभी बेंत की चोट खाने के कुछ ही दिनों बाद किसी युवक की शादी हो गयी होगी जिसके बाद से इस प्रथा को वहां मान्यता मिल गयी। समय बीतने के साथ इस प्रथा ने मेले का रूप ले लिया जिसे बेंतमार गणगौर का नाम दिया गया।
यहां युवक-युवती पहनते हैं एक जैसे कपड़े
भारत के इस गांव में है अजीब चलन, पहले साथ में रहो अगर बच्चा हो जाए तो शादी करो