पीएम ने WCF को बताया कला का महाकुंभ, श्री श्री की जमकर की तारीफ
यमुना किनारे विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम का शानदार आगाज हुआ। इस शानदार कार्यक्रम में देश और दुनिया एक मंच पर इकठ्ठा हुई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के पास वो मानवीय विरासत है जिसकी तलाश दुनिया को है।
नई दिल्ली। यमुना किनारे विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम का शानदार आगाज हुआ। इस शानदार कार्यक्रम में देश और दुनिया एक मंच पर इकठ्ठा हुई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के पास वो मानवीय विरासत है जिसकी तलाश दुनिया को है।
पीएम ने कहा कि दुनिया को देने के लिए भारत के पास क्या कुछ नहीं हैं। हम एक समृद्ध देश हैं जिसके पास अनोखी विरासत है। चाहे वो आध्यत्म हो या मानवीय संवेदनाओं की समझ हर क्षेत्रों में भारत ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है।
WCF में पीएम मोदी-देखें तस्वीरें
इस कार्यक्रम से देश की दुनिया में अलग पहचान बनी है। हम दुनिया को मानवीय मुल्य दे सकते हैं। पीएम ने कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि ये कला का कुंभ मेला है। संगीत दुनिया को डोला सकती है। भारतीय संगीत में वो ताकत है। मन को डोलाने वाला संगीत भारत में भरा है। सुविधा के बीच रहना ऑर्ट ऑफ लिविंग नहीं है। संकटों से जुझने के लिए ऑर्ट ऑफ लिविंग चाहिए। मैं से टूट कर हम की तरफ आगे बढ़ने की कला ऑर्ट ऑफ लिंविग है। इस देश ने उपनिषद से उपग्रह तक की यात्रा की है
आर्ट ऑफ लीविंग ने भरा 25 लाख का जुर्माना
कार्यक्रम के उद्धाटन पर बोलते हुए श्री श्री रविशंकर ने कहा कि कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि ये गुरुजी की प्राइवेट पार्टी है। मैं कहता हूं कि ऐसा ही है अगर पूरी दुनिया मेरा परिवार है तो ये कार्यक्रम एक प्राइवेट पार्टी है।
उद्घाटन समारोह से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि एक मंच पर पूरी दुनिया इकठ्ठी हुई है जो ये साबित करती है कि हम सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं।
People from so many countries have gathered to send a message that we are one world family: @SriSri begins his speech at #WCF2016
— PMO India (@PMOIndia) March 11, 2016
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का शानदार आगाज-देखें तस्वीरें
इस कार्यक्रम में जहां देशभर के कलाकार अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं दुनिया के अलग अलग कलाओं में हुनर दिखाने वाले भी हिस्सा ले रहे हैं।13 मार्च तक चलने वाले इस कार्यक्रम में दुनियाभर से करीब 35 लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है।155 देशों के प्रतिनिधि इसमें शामिल हो रहे हैं।
आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम में पीएम मोदी
जानें क्यों खास है महोत्सव-देखें तस्वीरें
क्यों खास है विश्व सांस्कृतिक महोत्सव
1. 1000 हजार एकड़ में बने हैं कई पंडाल
2. सात एकड़ में बना है भव्य मंच
3. ऑर्ट ऑफ लिविंग के 35 साल पूरे होने पर आयोजन
4. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 20 हजार विदेशी मेहमान आए।
5. 36 हजार कलाकार कर रहे हैं शिरकत
6. 50 अलग अलग वाद्य यंत्रों के जरिए गूंजी सुर लहरी
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव में गूंजी सुर लहरी-देखें तस्वीरें
वैसे तो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ही कार्यक्रम का समापन करना था, लेकिन अंतिम समय में उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। वित्तमंत्री अरुण जेटली, सड़क व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी समेत कई केंद्रीय मंत्री विश्व नेतृत्व मंच के तहत होने वाले सेमिनारों में हिस्सा लेंगे।
इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत विभिन्न राज्यों के कई मंत्री भी हिस्सा लेंगे।
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के अलग अलग रंग-देखें तस्वीरें
विदेशी वक्ता
आयोजकों के अनुसार विदेशी वक्ताओं में स्लोवेनिया के पूर्व प्रधानमंत्री आलोज पितरले, श्रीलंकाई संसद के स्पीकर देशबंधु कारू जयसूर्या, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी, नार्वे के पूर्व प्रधानमंत्री जेल माग्नेबौद्धिक और अफगानिस्तान की सांसद नाहिद फरीद समेत सैकड़ों बुद्धिजीवी और नेता महाउत्सव को गरिमा प्रदान करेंगे।
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संस्कृतियों की विशिष्टता का सम्मान करने की जरूरत : श्री श्री
सारी संस्कृतियों के बीच समानता के सूत्र तलाशने और उन्हें एकजुट करने में जुटे श्री श्री रविशंकर कहते हैं, 'संपूर्ण विश्व के लिए मेरा सपना है- वसुधैव कुटुंबम और पूरा आयोजन इसी सपने को साकार करने के लिए है।
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उनके अनुसार कला, गीत-संगीत, नृत्य से लेकर दुनिया की सभी संस्कृतियां अलग-अलग हैं, उनमें विभिन्नता साफ देखी जा सकती है। एक संस्कृति, दूसरी से अलग है। लेकिन वे सभी अद्भुत और विशिष्ट हैं। जरूरत संस्कृतियों की इस विशिष्टता का सम्मान करने की है। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव संस्कृतियों की इसी विशिष्टता का सम्मान है और यही उन्हें जोडऩे की कड़ी भी।