...जब संसद परिसर में जवानों ने अचानक तान दी बंदूकें, ले ली पोजिशन
वाहन के गेट से टकराते ही पूरे परिसर में किसी हमले के मद्देनजर बजने वाला अलार्म बज उठा और सभी लोग सुरक्षित स्थान की जाने लगे।
नई दिल्ली(एजेंसी)। संसद परिसर में गुरुवार उस समय कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया जब किसी हमले के मद्देनजर बजने वाला अलार्म बज गया। सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े सभी लोग अपनी अपनी जगहों पर पोजीशन में नजर आए। जवान बंदूक ताने पोजिशन में खड़े हो गए। परिसर में मौजूद सांसद भी घबरा गए। जानकारी के अनुसार संसद के गेट से अचानक एक अज्ञात वाहन टकरा गया।
वाहन के गेट से टकराते ही पूरे परिसर में किसी हमले के मद्देनजर बजने वाला अलार्म बज उठा और सभी लोग सुरक्षित स्थान की जाने लगे। उधर, दूसरी तरफ संसद की सुरक्षा में लगे सुरक्षा बलों के लोगों ने भी अपने हथियार तानकर मोर्चा संभाल लिया और किसी हमले की आशंका के चलते पोजिशन में खड़े हो गए। इस पोजिशन में हथियार लेकर कुछ मिनटों तक सभी सुरक्षा कर्मी अपने अपने स्थान पर खड़े रहे। बाद में जब यह बाद साफ हुई कि यह एक मामूली दुर्घटना है तब जाकर सभी सुरक्षाकर्मियों ने पोजिशन बदली और हथियारों के साथ फिर मुस्तैद खड़े हो गए।
संसद पर 2001 में हुआ था आतंकी हमला
संसद में 2001 में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में आतंकियों ने कार में सवार होकर हथियारों समेत संसद में घुस आए थे और धुआंधार फायरिंग कर दी थी। 13 दिसंबर, 2001 को भी संसद की कार्यवाही चल रही थी। दोनों सदन गोलीबारी से करीब 40 मिनट पहले ही स्थगित हुए थे। इसी बीच सुबह करीब 11.25 पर एके-47 और हैंड ग्रेनेड से लैस पांच आतंकियों ने हमला बोल दिया, आतंकी कार में सवार थे। आतंकियों का सामना करते हुए दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हुए और 16 जवान इस मुठभेड़ में घायल हो गए थे। सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान की बाजी लगा दी और सभी आतंकियों को मार गिराया था।
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