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विपक्ष जनता की कठिनाइयों पर विचार रखे, सरकार निराकरण करेगी : राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा कि जहां तक सत्तापक्ष की बात है तो हम तत्काल बहस के लिए तैयार हैं

By Mohit TanwarEdited By: Published: Mon, 05 Dec 2016 02:44 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2016 05:25 PM (IST)

दिल्ली, जेएनएन। नोटबंदी पर मतविभाजन वाले नियम के तहत चर्चा कराने की मांग पर विपक्षी दलों के अड़े रहने के बीच सरकार ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सत्तापक्ष सहित विपक्षी दलों में से किसी ने भी नोटबंदी के कदम की नीयत पर सवाल नहीं उठाया है, इसलिए इस विषय पर तत्काल चर्चा शुरू की जाए।

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इस फैसले के बाद जनता की कठिनाइयों को लेकर अगर विपक्षी दल कुछ विचार रखते हैं तो उनका निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा। नोटबंदी के मुद्दे पर मतविभाजन के प्रावधान के साथ चर्चा शुरू कराने की विपक्ष की मांग के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सदन में कहा, ‘इस बात के लिए पूरे विपक्ष का आभार है कि नोटबंदी के फैसले को लेकर सरकार की नीयत पर किसी ने भी संदेह प्रकट नहीं किया है।’ उन्होंने कहा कि इस फैसले के क्रियान्वयन को लेकर कुछ आपत्तियां हैं और विपक्ष के अनुसार इसका क्रियान्वयन सही नहीं है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि जहां तक सत्तापक्ष की बात है तो हम तत्काल बहस के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि क्रियान्वयन को लेकर कहां-कहां कठिनाइयां रहीं। विपक्ष जिन कठिनाइयों से संसद को अवगत कराएगा। उनका निराकरण करने का हम प्रयास करेंगे।’

गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशहित में, राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए और कालेधन, आतंकवाद, माओवाद तथा उग्रवाद एवं जाली मुद्रा को रोकने के लिए यह फैसला लिया है।

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उन्होंने कहा, ‘चर्चा पर नियम को लेकर भी पूरा विपक्ष बंटा हुआ है। एकमत नहीं है। टीआरएस के जितेंद्र रेड्डी ने भी कहा कि चर्चा नियम 193 के तहत शुरू कराई जानी चाहिए।’ राजनाथ ने कहा कि इसलिए, ‘मैं विपक्ष से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि नियम का निर्णय अध्यक्ष पर छोड़ा जाए और वह जिस भी नियम के तहत चर्चा शुरू कराएं, उस पर तत्काल चर्चा शुरू की जाए।’

इस बीच सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार के बयान से यह गलत संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम चर्चा नहीं चाहते। हम मतविभाजन के नियम के तहत बहस शुरू करने को तैयार हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैं बिना नियम के चर्चा की अनुमति दे सकती हूं। आप सभी अभी चर्चा शुरू कर लें। नोटबंदी पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कार्यवाही भोजनावकाश से करीब पांच मिनट पहले दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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