पार्टी में कलह से सोनिया परेशान, करेंगी हार की समीक्षा
हरियाणा और महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों में मिली करारी हार के सदमे के बीच कांग्रेस आलाकमान पार्टी में नए सिरे से शुरू हुई रार को लेकर खासा परेशान है। कहा जा रहा है कि हार का ठीकरा एक-दूसरे के सिर फोड़ने के लिए दोनों राज्यों के पार्टी नेताओं ने जिस तरीके बयानबाजी शुरू कर दी है, उससे कांग्रे
नई दिल्ली। हरियाणा और महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों में मिली करारी हार के सदमे के बीच कांग्रेस आलाकमान पार्टी में नए सिरे से शुरू हुई रार को लेकर खासा परेशान है। कहा जा रहा है कि हार का ठीकरा एक-दूसरे के सिर फोड़ने के लिए दोनों राज्यों के पार्टी नेताओं ने जिस तरीके बयानबाजी शुरू कर दी है, उससे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बेहद नाखुश हैं। शायद यही कारण है कि संगठन में उनके करीबी माने जाने वाले महासचिव शकील अहमद को सामने आना पड़ा।
उन्होंने कहा कि अच्छा होता कांग्रेस नेता मीडिया या बाहर बोलने की बजाय पार्टी मंच पर अपनी बात रखें। अहमद ने संकेतों के जरिये ही सही पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा द्वारा हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सार्वजनिक आलोचना पर पार्टी की नाराजगी जाहिर कर दी।
गौरतलब है कि सोमवार को सैलजा ने कहा था कि हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए हुड्डा अधिक जिम्मेदार हैं।
दोनों राज्यों में हार पर कांग्रेस आलाकमान ने मंगलवार से मंथन शुरू कर दिया। पहले चरण में सोनिया ने हरियाणा की हार की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर व पार्टी के राज्य प्रभारी शकील अहमद सहित राज्य के अन्य नेताओं से मुलाकात कर पार्टी के खराब प्रदर्शन का जायजा लिया।
सूत्रों के अनुसार, सोनिया को बताया गया कि जाट वोटों का बंटवारा कांग्रेस व इनेलो के बीच होना हार का एक प्रमुख कारण है। साथ ही, डेरा सच्चा सौदा का आखिरी समय पर भाजपा को समर्थन देना पार्टी के लिए सिरसा में महंगा पड़ा।
पार्टी के कुछ नेताओं का कहना था कि सैलजा-हुड्डा विवाद के चलते भी पार्टी को दलित वोटों का नुकसान उठाना पड़ा। हरियाणा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष महाराष्ट्र के नेताओं के साथ हार कारणों पर विचार-विमर्श करेंगी।
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