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मीडिया द्वारा मेरे खिलाफ अभियान चला रही है हथियार लॉबीः वीके सिंह

'प्रेस्टीट्यूट' शब्द का प्रयोग करने को लेकर आलोचनाओं का सामना करने वाले केंद्रीय मंत्री वीके 'प्रेस्टीट्यूट' शब्द का प्रयोग करने को लेकर आलोचनाओं का सामना करने वाले केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा है कि ये पूरा विवाद हथियार लॉबी की वजह से हुआ है।उन्होंने कहा कि जब मैं आर्मी

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 11 Apr 2015 08:39 PM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2015 03:04 PM (IST)

नई दिल्ली। 'प्रेस्टीट्यूट' शब्द का प्रयोग करने को लेकर आलोचनाओं का सामना करने वाले केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा है कि ये पूरा विवाद हथियार लॉबी की वजह से हुआ है।उन्होंने कहा कि जब मैं आर्मी चीफ था तब ये मुझे नहीं रोक सके। इसलिए अब ये मीडिया के एक हिस्से द्वारा मुझ पर हमले करवा रहे हैं।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आर्मी लॉबी ही मेरे खिलाफ मीडिया द्वारा अभियान चलवा रही है। उनके मुताबिक ये लोग ऑर्मी लॉबी के लिए ओवर टाइम करते हैं और इन्हें प्रधानमंत्री के संबंध में भी ब्रीफ किया जाता है।

वहीं इससे पहले विदेश राज्य मंत्री ने विवाद बढ़ता देख शनिवार को मीडिया से माफी मांगी। विदेश राज्य मंत्री ने कहा, 'मेरे खिलाफ 'प्रेरित अभियान' चलाने वाले मीडिया के एक छोटे से धड़े को छोड़कर मैं सभी से माफी मांगता हूं।' केंद्रीय मंत्री ने समूचे मीडिया के लिए इस शब्द का प्रयोग कभी नहीं किए जाने की दलील देते हुए कहा कि उनका मानना है कि मीडिया का 90 फीसद हिस्सा अपना काम आज भी पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रहा है।

उन्होंने कहा, 'इस 90 फीसद मीडिया समुदाय को मेरे अपशब्द से यदि बुरा लगा हो तो मैं उनसे माफी मांगता हूं। मैंने इस शब्द का इस्तेमाल सिर्फ उन दस प्रतिशत लोगों के लिए किया था, जो इसके काबिल (पक्षपाती लोग) हैं।' दरअसल, बीते दिनों यमन से भारतीयों को निकालने के अभियान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने गत मंगलवार को जिबूती में कहा कि सच बताऊं तो यमन में अभियान (भारतीयों को बाहर निकालने का) पाकिस्तानी दूतावास जाने से कम रोमांचक है।

कांग्रेस सहित राजनीतिक दलों की ओर से उनकी टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया आने पर उन्होंने एक टीवी चैनल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसके बाद एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा, 'दोस्तों आप 'प्रेस्टीट्यूट' से क्या उम्मीद करते हैं? उन्होंने कहा कि पिछली बार टीवी एंकर ने सोचा कि स्पेलिंग में 'ई' की जगह 'ओ' है।'

थल सेना के पूर्व प्रमुख ने एक प्रभावी निगरानी संस्था के गठन को मीडिया संस्थानों को एकजुट होने की सलाह दी। उन्होंने कहा, 'समय आ गया है कि मीडिया खुद एक ऐसा निगरानी संगठन बनाने पर गंभीरता से विचार करे, जिसके पास वास्तविक शक्तियां हों। आज मीडिया की खुद की विश्वसनीयता दांव पर है।

जब तक अंदरूनी निगरानी प्रभावी नहीं होगी, यह हाथ से पूरी तरह से बाहर छिटकती रहेगी।'सूचना व प्रसारण मंत्रालय को ऐसी कोई इकाई गठित करने का सुझाव देने के सवाल पर वह बोले, 'इस मामले में सरकार के किसी भी प्रयास को प्रेस की स्वतंत्रता पर आघात माना जा सकता है। इसे इलेक्ट्रानिक, सोशल और प्रिंट मीडिया के अंदर से ही आना होगा।'

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