तेज हुई ध्रुवीकरण की सियासत, कांग्रेस व सपा के बाद भाजपा ने भी दी हवा
कांग्रेस और सपा की ध्रुवीकरण की कोशिशों के बाद अब भाजपा ने पलटवार किया है। जामा मस्जिद के शाही इमाम से अपने पक्ष में फतवा जारी कर अगर कांग्रेस ने मुस्लिम वोटों के न बंटने की अपील की है तो भाजपा ने बहुसंख्यकों के बीच अपना अभियान तेज कर दिया है। भाजपा नेताओं ने धार्मिक आधार पर सीधे कोई तीखा प्रहार नहीं किया, लेकिन सधे शब्दों में ही ध्रुवीकरण की आग में घी डाल दिया। संकेत साफ हैं कि यदि राजनीतिक दलों ने संयम न रखा तो आने वाले चुनावी चरणों में ध्रुवीकरण की प्रतियोगिता तेज हो सकती है।
नई दिल्ली, जाब्यू। कांग्रेस और सपा की ध्रुवीकरण की कोशिशों के बाद अब भाजपा ने पलटवार किया है। जामा मस्जिद के शाही इमाम से अपने पक्ष में फतवा जारी कर अगर कांग्रेस ने मुस्लिम वोटों के न बंटने की अपील की है तो भाजपा ने बहुसंख्यकों के बीच अपना अभियान तेज कर दिया है। भाजपा नेताओं ने धार्मिक आधार पर सीधे कोई तीखा प्रहार नहीं किया, लेकिन सधे शब्दों में ही ध्रुवीकरण की आग में घी डाल दिया। संकेत साफ हैं कि यदि राजनीतिक दलों ने संयम न रखा तो आने वाले चुनावी चरणों में ध्रुवीकरण की प्रतियोगिता तेज हो सकती है।
भाजपा महासचिव व उत्तर प्रदेश के प्रभारी अमित शाह ने जहां मुजफ्फरनगर में समाजवादी पार्टी से 'अपमान का बदला' लेने जैसी भाषा इस्तेमाल की। वहीं, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सहारनपुर के कांग्रेस प्रत्याशी के मोदी के टुकड़े-टुकड़े करने वाले बयान पर कहा कि चुनाव बाद तय होगा कि किसके टुकड़े होते हैं। कांग्रेस ने शाह के बयान के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। वहीं, भाजपा बचाव में उतर आई है।
शाही इमाम से फतवे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के मुस्लिम वोट बंटने न देने के बयान के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची भाजपा के नेताओं के इन बयानों के बाद राजनीति सरगर्म हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, सपा पर हमला करते हुए मुजफ्फरनगर के पास बैठक में शाह ने कथित तौर पर कहा कि हमारे साथ दोयम दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार किया गया है। न्याय नहीं हुआ है। यह गोली से जवाब देने का समय नहीं है। मुगलों के जमाने में बदला लेने के लिए तलवारों और तीरों का इस्तेमाल किया जाता था और अब आपको बटन दबाने की ज़रूरत है। बटन दबाइए और जुल्म ढाने वालों को उनकी सही जगह पहुंचा दीजिए।
शनिवार को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि मोदी की लोकप्रियता से डरकर विपक्ष अनाप-शनाप बातें कर रहा है। सहारनपुर के कांग्रेस प्रत्याशी के बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वो टुकड़े-टुकड़े करने की बात कर रहे हैं, नतीजे बता देंगे कि किसके टुकड़े होते हैं।
कांग्रेस के नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने सवाल पूछा कि क्या भाजपा शाह के बयान को सांप्रदायिक और भड़काऊ मानती है या सौहार्द बढ़ाने वाला मानती है? कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने जनता से इस मानसिकता को हराने की अपील की। सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि भाजपा कुंठित हो गई है। अगर उनमें हिम्मत है तो सपा की सरकार को गिरा कर दिखाएं।
इस बीच कांग्रेस के कानूनी प्रकोष्ठ के सचिव केसी मित्तल ने शिकायती पत्र में भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी पर 'समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा' करने का आरोप लगाया। साथ ही जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 के तहत इसे अपराध बताते हुए तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर उनकी व अन्य भाजपा नेताओं गिरफ्तारी की मांग की। वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया। पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वहां के लोगों को बेइज्जत किया है। इसमें हिंदू या मुसलमान कहां से आ गए?
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