Move to Jagran APP

वाड्रा भूमि सौदे के दस्तावेज गायब होने पर घिरी सरकार

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का डीएलफ के साथ हुआ भूमि सौदा तत्कालीन सरकार और मौजूदा दोनों के गले की फांस बन गया है। मौजूदा सरकार की मुश्किलें कथित घोटाले की फाइल से महत्वपूर्ण पन्ने गायब होने से बढ़ गई हैं। सरकार ने गुम हुए दस्तावेजों का

By Sudhir JhaEdited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 10:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 03:15 AM (IST)

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का डीएलफ के साथ हुआ भूमि सौदा तत्कालीन सरकार और मौजूदा दोनों के गले की फांस बन गया है। मौजूदा सरकार की मुश्किलें कथित घोटाले की फाइल से महत्वपूर्ण पन्ने गायब होने से बढ़ गई हैं। सरकार ने गुम हुए दस्तावेजों का पता लगाने के लिए प्राथमिक जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बताया कि गायब दस्तावेजों की जांच के लिए एक कमेटी बना दी गई है।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री सचिवालय में यह दस्तावेज गायब होने से हड़कंप मचा हुआ है। जांच की जद में आने पर सचिवालय के कई अधिकारी और कर्मचारी नप सकते हैं। आंतरिक जांच कर भी ये पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि महत्वपूर्ण दस्तावेज फाइल से गायब करने में किसका हाथ है और ये सब किसके इशारे पर हुआ है? नवगठित भाजपा सरकार ने गठन से पूर्व ऐसा व्यवहार किया था जिससे लगने लगा था भाजपा सीधी लड़ाई छेडऩे के मूड में नहीं है। मुख्य सूचना अधिकारी कार्यालय के नाम एक हलफनामा जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि डीएलएफ-वाड्रा जमीन सौदे को लेकर लगाए गए सभी आरोपों की जांच कानून के मुताबिक की जाएगी।

सरकार की सर्विस ब्रांच के अधीक्षक डीआर वाधवा ने मुख्य सूचना अधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि 19 अक्टूबर 2012 को मुख्य सचिव ने जमीन घोटाले की जांच के लिए आइएएस कृष्ण मोहन, केके जालान और राजन गुप्ता की तीन सदस्यीय जांच समिति के गठन का आदेश दिया था। इससे संबंधित अधिकारी नोटिंग मुख्य फाइल से हटा दी गई है और मिल नहीं रही। अशोक खेमका ने जमीन घोटाले से जुड़ी नोटिंग मांगने के लिए आरटीआइ से अपील की थी, इसमें ये खुलासा हुआ है।

ïवाड्रा भूमि सौदे पर मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि उनकी पहली प्राथमिकता चीजों को सकारात्मक तरीके से बदलना है। वाड्रा भूमि सौदे से बड़े मामले भी सामने आए हैं। इस दिशा में जांच शुरू कर दी गई है। सब मामलों की जांच की जारही है। उसके बाद वाड्रा हो, नॉन वाड्रा हो या कोई और। जिसने गलत किया है वह फंसेगा।

क्या था गुम हुए पन्नों में

फाइल से गुम हुए पहले दो पन्नों में लैंड भूमि सौदे की वैधानिकता की जांच के लिए तीन आइएएस अफसरों की कमेटी बनाने संबंधी ब्योरा था। इसी कमेटी ने मामले में इंतकाल रद करने के खेमका के आदेश को गैरकानूनी बताते हुए जमीन सौदे को क्लीनचिट दी थी। खेमका ने इन पन्नों के गुम होने पर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग कर थी। उन्होंने दो अधिकारियों पूर्व मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव आरएस दून और ओएसडी बीआर बेरी पर दस्तावेज गायब करने की आशंका जताई है।

कांग्रेस के प्रदेश डेलीगेट वेद प्रकाश विद्रोही का कहना है कि वाड्रा भूमि सौदे की फाइल के तीन पेज गायब होने को बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा है।

नोटिंग से उजागर होगी कमेटी की कारगुजारी: खेमका

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो। रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ भूमि सौदे की फाइल से आधिकारिक नोटिंग के पन्ने गुम होने पर आइएएस डॉ. अशोक खेमका आक्रामक मुद्रा में आ गए हैं। पूर्व सरकार को भी लपेटे में लेते हुए उन्होंने भूमि सौदे का इंतकाल रद करने की जांच के लिए 2012 में तीन सदस्यीय कमेटी के गठन पर भी सवाल उठाए हैं।

डॉ. खेमका ने कहा कि वाड्रा जमीन सौदे का इंतकाल रद करने के मामले में उन्हें चार्जशीट किया गया है। अपने बचाव के लिए मैंने पहले कार्मिक विभाग से भूमि सौदे से जुड़ी फाइल की आधिकारिक नोटिंग की मांग की थी, जो नहीं दी गई। इसके बाद सूचना अधिकार आयोग में आरटीआइ डाली। इसमें पता चला है कि नोटिंग वाले पन्ने गुम हैं। उनसे ही पता चलना है कि पूर्व सरकार द्वारा गठित कमेटी ने किन बिंदुओं पर इंतकाल रद करने की जांच की, किस बात की जांच की गई और कमेटी के सदस्य कैसे चुने गए।

उन्होंने कहा कि नोटिंग मिलने से सारा भेद खुल जाएगा कि कमेटी में पूर्व सरकार ने अपने चहेते अफसरों को ही क्यों चुना और अफसरों ने कैसे राजनीतिज्ञों से मिलकर भूमि सौदे को क्लीन चिट दे दी।

पढ़ेंः वाड्रा सत्ता के दुरुपयोग के दोषी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.