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जॉन कैरी से मिली सुषमा, कहा पाक ने लश्कर, जैश और डी-कंपनी को दे रखी शरण

दूसरे सामरिक और वाणिज्यिक वार्ता के बाद नई दिल्ली में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा जरूरतों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अमेरिका नई तकनीक देगा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 04:13 PM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2016 08:25 PM (IST)
जॉन कैरी से मिली सुषमा, कहा पाक ने लश्कर, जैश और डी-कंपनी को दे रखी शरण

नई दिल्ली। देश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी से मुलाकात कर APEC मंच पर भारत की सदस्यता का मुद्दा उठाया। स्वराज ने कहा कि ‘मुझे आशा है कि अमेरिका APEC मंच पर भारत की सदस्यता के मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा। लिहाजा हमें दोनों तरफ से वार्ता को आगे बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।‘

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साथ ही कहा कि ‘मैने पाक द्वारा सीमा पार से जारी आतंकवाद से विदेश मंत्री जॉन केरी को अवगत कराया। आतंक का मुकाबला करने के लिए किसी भी देश का कोई दोहरे मापदंड नहीं हो सकता। पाक ने लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद और डी-कंपनी को शरण दे रखी है, उसे वापस लेना चाहिए। कही भी अच्छा आतंकवादियों या बुरा आतंकवादी नहीं हो सकता है। आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों पक्षों में मन से बात की गई। हम दोनों राष्ट्रों ने सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद संगठनों को कहीं से भी सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए।‘

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मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज ने कहा कि ‘मैं संयुक्त राज्य अमेरिका से आग्रह करूंगी कि बतौर सक्रिय सदस्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हों। हमारे नागरिक एक दूसरे के देशों में अध्ययन करते हैं। साथ ही लंबे समय से रहकर आजीविका कमा रहे हैं।‘

ग्लोबल साइबर खतरा से निपटना होगा- जॉन कैरी

मुलाकात के दौरान जॉन केरी ने कहा कि ‘मुझे आशा है कि हमने हाल के वर्षों में जो कुछ भी भारत में किया है, उसपर सभी को गर्व होगा। दिल्ली में वापस आने और दूसरे सामरिक और वाणिज्यिक वार्ता में भाग लेने पर मुझे सम्मानित किया गया। हम एक साइबर ढांचे को अंतिम रूप देने की तैयारी कर रहे हैं। जिससे वैश्विक साइबर खतरों से बचने में मदद मिलेगी। जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत का सहयोग महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से पेरिस में उसी के लिए नेतृत्व की पेशकश के लिए हम भारत की सराहना करते हैं। हम भारत को उसकी महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी के निर्माण पर काम कर रहे हैं। यह आखिरी बार है जब मुझे बातचीत का नेतृत्व करने का विशेषाधिकार मिला। हमें उम्मीद है कि हमारे नागरिक परमाणु सहयोग जल्दी ही बन कर तैयार हो जाएंगे। इससे भारतीय परिवारों को विश्वसनीय बिजली मिलेगी।'

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