हद है! बोलने से पहले बिलकुल नहीं सोचा कि बोल क्या रहे हैं
मुजफ्फरनगर जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद बनाए गए राहत शिविरों में हुई मौतों पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह ए के गुप्ता ने शुक्रवार को सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश करते हुए बेतुका बयान देकर चर्चा में आ गए हैं। गुप्ता ने कहा कि राहत शिविरों में 7 सितंबर से लेकर 20 दिसंबर तक केवल 34 मौतें हुई हैं, जिनमें 10 से 12 बच्चे शामिल है। उन्होंने कहा कि इनमें से किसी के भी मौत का कारण सर्दी नहीं है। अगर ऐसा होता तो साइबेरिया में कोई नहीं जिंदा नहीं रहता।
लखनऊ। मुजफ्फरनगर जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद बनाए गए राहत शिविरों में हुई मौतों पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह ए के गुप्ता ने शुक्रवार को सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश करते हुए बेतुका बयान देकर चर्चा में आ गए हैं। गुप्ता ने कहा कि राहत शिविरों में 7 सितंबर से लेकर 20 दिसंबर तक केवल 34 मौतें हुई हैं, जिनमें 10 से 12 बच्चे शामिल है। उन्होंने कहा कि इनमें से किसी के भी मौत का कारण सर्दी नहीं है। अगर ऐसा होता तो साइबेरिया में कोई नहीं जिंदा नहीं रहता।
मालूम हो कि मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में सर्दी के कारण हुई करीब 50 बच्चों की मौत की खबरें मीडिया में आने के बाद यूपी सरकार ने अपने बचाव के लिए मेरठ मंडल के कमिश्नर के नेतृत्व में एक जांच कमिटी का गठन किया था। जिसने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट सार्वजानिक की है। इसके मुताबिक शिविरों में मरने वालों की संख्या 34 है। इसके साथ ही कमेटी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में प्रत्येक मृतक के नाम के साथ उसकी मौत के कारणों को स्पष्ट किया गया है। गृह सचिव ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए यह बयान दिया।
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