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निर्भया फंड से यूपी ने मांगे 30 करोड़, बसों में लगेंगे कैमरे

देश में महिलाओं पर होने वाली ज्यादती और उनके खिलाफ किसी तरह के शारीरिक अथवा मानसिक उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए नयी पहल करते हुए उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार के निर्भया फंड से धन की मांग की है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने यूपीए सरकार द्वारा दिल्ली के अति चर्चित सामूहिक दुष्कर्म की घट

By Edited By: Published: Sat, 12 Jul 2014 10:15 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jul 2014 10:15 AM (IST)

लखनऊ [राज बहादुर सिंह]। देश में महिलाओं पर होने वाली ज्यादती और उनके खिलाफ किसी तरह के शारीरिक अथवा मानसिक उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए नयी पहल करते हुए उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार के निर्भया फंड से धन की मांग की है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने यूपीए सरकार द्वारा दिल्ली के अति चर्चित सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद स्थापित लेकिन अप्रयुक्त निर्भया फंड से तीस करोड़ रुपये मांगे हैं।

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परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मुकेश मेश्राम ने बताया कि अभी तक निर्भया फंड से महिलाओं की सुरक्षा के लिए सहायता उपलब्ध कराने की मांग किसी राज्य के परिवहन निगम ने अब तक नहीं की थी और ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। दरअसल, इरादा परिवहन निगम की बसों में सीसीटीवी व डीवीआर लगाने का है जिसके जरिए बस में हो रही गतिविधियों को देखा-सुना जा सके। प्रत्येक बस में एक कंट्रोलर होगा और हर सीट पर पैनल बटन होगा जिसे यात्री विशेषकर महिला किसी मुसीबत को सामने देखकर दबा सकती है। जीपीएस सेवा के जरिए परिवहन निगम के कंट्रोल रूम में बस की गतिविधियां जानी जा सकेंगी। कंट्रोल रूम को पुलिस एवं वूमेन पावर लाइन से भी जोड़ा जाएगा ताकि बस में होने वाली अराजक हरकत को रोका जा सके।

परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने बताया कि हमारा प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के समक्ष है और परीक्षण अप्रूवल एंड सैंक्शन कमेटी कर रही है। मंत्रालय ने कंसल्टेंसी के लिए दिल्ली इंट्रीगेटेड मल्टी माडल ट्रांजिट सिस्टम को लगाया है।

मुकेश मेश्राम का कहना है कि प्राथमिकता पहले ऐसी बसों में यह व्यवस्था लागू करना है जिनके रूट लंबे हैं और इन पर रात्रि सेवा प्रदान की जाती है। तमाम ऐसे रिमोट क्षेत्र हैं जहां एहतियाती कदम उठाए जाने चाहिए और आदर्श स्थिति तो यही होगी कि हम हर बस में ऐसी व्यवस्था लागू करें जिससे बस में हर प्रकार का सफर आरामदायक होने के साथ सुरक्षित भी हो।

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