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ब्रिटिश राज की एक और परंपरा होगी खत्म, एक फरवरी को पेश होगा आम बजट

सरकार का मानना है कि लगभग चार हफ्ते पहले बजट पेश करने से इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए केंद्र व राज्यों के पास ज्यादा समय होगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 11 Sep 2016 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 12 Sep 2016 08:46 AM (IST)

नई दिल्ली[जयप्रकाश रंजन]। केंद्र सरकार ने पहले ही इस बात की मंशा जताई थी कि वह आम बजट अब कुछ हफ्ते पहले पेश करना चाहती है। अब इस बारे में सहमति भी बन गई है। अगले वित्त वर्ष (2017-18) का आम बजट एक फरवरी, 2017 को पेश होगा। इस लिहाज से बजट की तैयारियां भी जो पहले दिसंबर में शुरु होती थी अब वे नवंबर माह के शुरुआत में ही शुरु हो जाएंगी। इस बारे में जल्द ही कैबिनेट से भी मंजूरी ली जाएगी। सरकार का मानना है कि लगभग चार हफ्ते पहले बजट पेश करने से इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए केंद्र व राज्यों के पास ज्यादा समय होगा।

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उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक आम बजट पेश करने को लेकर अंग्रेजों के समय बनाई गई परंपरा को बदलने का यह दूसरा उदाहरण है जिसे एनडीए के कार्यकाल में लिया गया है। इसके पहले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने ही आम बजट को पेश करने के समय को शाम पांच बजे से घटा कर दोपहर 11 बजे करने का फैसला किया था। अंग्रेजों ने ब्रिटिश संसद चलने के आधार पर भारतीय संसद में भी बजट पेश करने का समय पांच बजे तय किया था। इसी तरह से फरवरी माह के अंतिम कार्यदिवस के दिन आम बजट पेश करने की परंपरा भी ब्रिटिश राज के दिनों से है। लेकिन इसकी एक दिक्कत यह है कि बजटीय घोषणाओं को अमल में लाने की तैयारियों में तीन से चार महीने लग जाते हैं। इस तरह से बजट घोषणाओं को अमल में लाने का काम मई या जून से ही शुरु हो पाता है।

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अब फरवरी के पहले दिन बजट पेश होगा और अगले चार से छह हफ्तों में सभी मंत्रालयों को इससे जुड़ी घोषणाओं को अमली जामा पहनाने की पूरी तैयारी कर लेनी होगी। इस तरह से अप्रैल में जब वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही सभी घोषणाओं पर अमल में लाने का काम भी शुरु हो जाएगा। बजटीय आवंटन का काम भी मार्च तक पूरा हो जाएगा ताकि सभी मंत्रालय व विभाग अप्रैल से ही इसे खर्च करना शुरु कर दे। साथ ही अब अप्रैल-मई के खर्चे के लिए संसद से विशेष अनुमति लेने की जरुरत भी नहीं होगी।

सूत्रों के मुताबिक सरकार ने रेल बजट को आम बजट में मिलाने के बारे में सोचा है लेकिन इस पर शायद अगले वित्त वर्ष के दौरान अमल में नहीं लाया जाए। ऐसे में 31 जनवरी, 2017 को रेल बजट और 30 जनवरी, 2017 को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किये जाने के आसार हैं।

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