गंगा सफाई के लिए चार-पांच वर्ष तो दीजिए : उमा
उमा भारती ने कहा गंगा की सफाई के लिए चार-पांच वर्ष का समय तो देना ही होगा। कार्य बड़ा है, इसलिए वक्त तो लगेगा ही।
जेएनएन, लखनऊ। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री उमा भारती ने गोरखपुर में कहा कि अगर यूरोप की टेम्स नदी को साफ होने में 60 वर्ष और राइन नदी को साफ होने में 70 वर्ष लगे तो गंगा की सफाई के लिए चार-पांच वर्ष का समय तो देना ही होगा। कार्य बड़ा है, इसलिए वक्त तो लगेगा ही। थोड़ा इंतजार करिए। इससे पहले उन्होंने अयोध्या में कहा कि गंगा सफाई परियोजना में पुण्यसलिला सरयू भी शामिल हो सकती हैं।
रविवार को केंद्रीय मंत्री गोरखपुर और अयोध्या पहुंचीं। उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गोरखपुर की सर्वाधिक प्रदूषित आमी नदी की सफाई के सवाल पर कहा कि पहले गंगा सफाई योजना को पूरा हो जाने दीजिए, उसके बाद बारी-बारी से सभी नदियों की सफाई का कार्य किया जाएगा। कहा कि वह गोरक्षपीठ के सभी ब्रह्मालीन योगियों का आभार प्रकट करने आई हैं, क्योंकि उनकी परंपरा ने प्रदेश को एक कुशल प्रशासक दिया है। कई वर्षो से प्रदेश को एक कुशल प्रशासक का इंतजार था जो योगी आदित्यनाथ के रूप में पूरा हुआ।
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उमा भारती ने गोरखनाथ मंदिर और ब्रह्मालीन गुरु अवेद्यनाथ के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। कहा कि मंदिर से उनका पुराना नाता है। अवेद्यनाथ जी उनके गुरु और पिता तुल्य थे। इससे पहले वह रामनगरी पहुंचीं और भोले बाबा की पौराणिक महत्व की पीठ नागेश्वरनाथ में अभिषेक-पूजन किया। वहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने अयोध्या और सरयू से अपनी आस्था का भी वास्ता दिया और बताया कि उन्होंने सरयू जल से ही भोले बाबा का अभिषेक किया है। उन्होंने कहा, रामलला के प्रति उनकी आस्था अक्षुण्ण है। यहां तक कि जब उन्हें भाजपा से निष्कासित किया गया तो उन्होंने अयोध्या की ओर ही रुख किया। राम-सीता उनके माता-पिता और हनुमान जी भाई की तरह हैं।
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रिश्ते की इसी डोर से बंधकर उन्हें जब भी मौका मिलता है, वह अयोध्या आकर अपना भाव निवेदित करती हैं। करीब एक घंटे तक रामनगरी में प्रवास के दौरान उन्होंने रामलला व हनुमानगढ़ी पहुंचकर दर्शन-पूजन किया। मधुर उपासना परंपरा की प्रधान पीठ रंगमहल भी पहुंचीं और वहां पली चमत्कारिक गाय सरयू का पूजन किया। वह राम मंदिर की कारसेवा के दौरान पुलिस की गोली के शिकार कारसेवक वासुदेव गुप्त के नयाघाट स्थित आवास के सामने रुकीं और गुप्त की बेटी को दुलराते हुए उसके भाई से कहा, इसकी शादी का इंतजाम करो, हमारी ओर से हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।