केरलः वायनाड के जंगलों में आदमखोर बाघ ने युवक को बनाया शिकार
केरल में वायनाड के जंगलों में आदमखोर बाध ने फिर एक शख्स को अपना शिकार बनाया है। मृत शख्स आदिवासी बताया जा रहा जो उसी जंगल में मौजूद एक बस्ती में रहता था। बाघ द्वारा किसी इंसान के मारे जाने की ये तीसरी घटना है।
तिरुअनंतपुरम। केरल में वायनाड के जंगलों में आदमखोर बाध ने फिर एक शख्स को अपना शिकार बनाया है। मृत शख्स आदिवासी समुदाय का बताया जा रहा है। वो उसी जंगल में मौजूद एक बस्ती में रहता था। बाघ द्वारा किसी इंसान के मारे जाने की ये तीसरी घटना है।
पुलिस के मुताबिक मृतक का नाम के बाबूराज (23) था, जो वायनाड जंगल के भीतर मौजूद कुरीचैड बस्ती में रहता था। बाबूराज, कुट्टूनैका आदिवासी समूह से ताल्लुक रखता था। इस समुदाय के लोग छोटी-छोटी टोलियां बना इस जंगल में रहते हैं। वायनाड जंगल सुल्तान बाथेरी शहर से बीस किलोमीटर दूर स्थित है।
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एक अधिकारी ने बताया कि बाबूराज गुरुवार सुबह जलाने की लकड़ी चुनने के लिए जंगल गया था। जब वो शाम तक भी घर वापस नहीं आया तब परिवार के लोग उसे ढूंढ़ने लगे। काफी तलाशी के बाद भी जब इन्हें बाबूराज नहीं मिला तब इन लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। शुक्रवार को काफी सघन तलाशी के बाद वन विभाग को एक इंसान की हड्डी और मस्तिष्क का अंश मिला। ये हड्डियां आदिवासी बस्ती से दो किलोमीटर दूर मिले थे। युवक के कपड़े भी इन्हीं के आस पास मिले थे, जिससे उसकी पहचान की गई।
वाइल्ड लाइफ एस मोहन पिल्लई ने कहा कि जानवर के पंजों से उसकी पहचान बाघ के रूप में हुई है। उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम पिंजरे और जाल के साथ जंगलों में तलाश रही है।
बता दें कि इस वर्ष के फरवरी में भी बाघ ने एक किसान को अपना शिकार बनाया था। उससे दिन पहले भी चाय की पत्ती चुनाने वाले एक मजदूर को भी बाघ ने अपना शिकार बनाया था।