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आदिवासी महिलाओं की दुर्दशा पर जनजातीय मामलों के मंत्रालय की खिंचाई

महिलाओं के सशक्तीकरण पर संसदीय समिति ने मंत्रालय को अपनी भूमिका पर फिर से विचार करने के लिए कहा है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 03:36 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 06:31 AM (IST)
आदिवासी महिलाओं की दुर्दशा पर जनजातीय मामलों के मंत्रालय की खिंचाई
आदिवासी महिलाओं की दुर्दशा पर जनजातीय मामलों के मंत्रालय की खिंचाई

नई दिल्ली, प्रेट्र। संसद की एक समिति ने आदिवासियों खासकर आदिवासी महिलाओं की दुर्दशा के प्रति मूकदर्शक बने रहने के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय की खिंचाई की है। महिलाओं के सशक्तीकरण पर संसदीय समिति ने मंत्रालय को अपनी भूमिका पर फिर से विचार करने के लिए कहा है।

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'जनजातीय महिलाओं के सशक्तीकरण' पर लोकसभा में सोमवार को प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है, 'आदिवासी समाज के प्रति मंत्रालय का लापरवाह रवैया साफ नजर आता है। समिति का मानना है कि मंत्रालय आदिवासियों की भलाई के लिए काम करने में विफल रहा है।'

रिपोर्ट में कहा गया है कि आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना मंत्रालय की जिम्मेदारी है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह इस सिलसिले में मूकदर्शक बना रहा है। यदि आदिवासियों के लिए बनी योजनाओं को गंभीरता से लागू किया जाता, तो इस समाज के अधिकतर लोग गरीबी में जीने को मजबूर नहीं होते।

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